
चंदौली। दो दिनों तक स्थिर रहने के बाद गंगा फिर उफान पर हैं। जलस्तर में 0.91 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से वृद्धि हो रही है, लेकिन गंगा में छोटी नावों का संचालन बदस्तूर जारी है। नाविक खुद व यात्रियों की जान जोखिम में डालकर गंगा पार करा रहे हैं। इससे हर वक्त हादसे की आशंका बनी हुई है। इसके बावजूद प्रशासन बेखबर बना हुआ है।
पर्वतीय इलाकों में बारिश के चलते गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा खतरा बिंदु से लगभग एक मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन जलस्तर बढ़ने का क्रम जारी रहा तो जल्द ही खतरे के निशान को पार कर जाएंगी। वाराणसी में घाटों का आपस में संपर्क टूट गया है। वहीं छोटी-बड़ी नावों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन चंदौली में लापरवाही जारी है। नाविक छोटी नावों का संचालन गंगा में कर रहे हैं। टांडाकला समेत अन्य घाटों से गंगा में छोटी नावें चलाई जा रही हैं। नाविक लोगों को नाव से पार करा रहे हैं। ऐसे में हर वक्त हादसे की आशंका बनी हुई है। इसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।

पहले हो चुका है हादसा
महुंजी गंगा घाट पर लगभग दो साल पहले नाव हादसा हुआ था। इसमें लगभग आधा दर्जन लोग डूब गए थे। घटना में नाविक की लापरवाही स्पष्ट तौर पर सामने आई थी। प्रशासन यदि नहीं चेता तो उस तरह की घटना फिर हो सकती है।