चंदौली। औद्योगिक इकाइयों में उत्पाद बनाने में अनुदानित यूरिया के इस्तेमाल की शिकायत पर शासन सख्त हो गया है। प्रमुख सचिव कृषि विभाग के निर्देश पर कृषि और उद्योग विभाग की टीम ने सोमवार को जिले की पांच औद्योगिक इकाइयों में छापेमारी की। इस दौरान उत्पाद बनाने में यूरिया के इस्तेमाल के बाबत छानबीन की। वहीं उद्यमियों को हिदायत दी कि किसी भी सूरत में अनुदानित यूरिया का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी।
औद्योगिक इकाइयों में कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून, पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बोर्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण में अनुदानित यूरिया के प्रयोग की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे की ओर से टीम गठित कर जांच का आदेश दिया गया है। टीम में शामिल जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव एवं उद्योग विभाग के सहायक आयुक्त विजय कुमार ने जिले की पांच औद्योगिक इकाइयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया।
परीक्षण के लिए टेक्निकल ग्रेड यूरिया का एक नमूना संग्रहित किया गया। हालांकि इस दौरान कहीं गड़बड़ी नहीं मिली। अधिकारियों ने कहा कि यदि निरीक्षण के दौरान पाया जाता है कि अनुदानित यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है तो नियमानुसार उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वर्तमान समय में जनपद में समस्त उर्वरक उपलब्ध है। जनपद के प्रत्येक क्षेत्र में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।