चंदौली। सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ की अदालत ने हत्या के दोषी पति-पत्नी को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना राशि न भरने पर छह वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
धीना थाना के सिलौटा गांव निवासी सूबेदार ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि विपक्षी रमेश पुत्र स्व. बिरजू, मंशा देवी पत्नी रमेश व सोनी कुमारी पुत्री रमेश, जो उसके पट्टीदार हैं, जमीनी विवाद को लेकर दिनांक 2 जुलाई 2020 को भद्दी भद्दी गाली देते हुए लाठी-डण्डे से मारने लगे। चीख-पुकार सुनकर वादी के परिवार के पिंकी, प्रदीप व सर्वजीत मौके पर आकर बीच-बचाव करने लगे। विपक्षीगण ने उन्हें भी लाठी- डण्डे से मारना पीटना शुरू कर दिया। गांव के तमाम लोग मौके पर जुट गए एवं बीच बचाव किए। मारपीट में घायल वादी सूबेदार के भाई प्रदीप यादव की 7 जुलाई को मौत हो गई। सूचना एवं मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 323, 504 दर्ज मुकदमे में धारा 304, 325 बढ़ोत्तरी की गई। मुकदमे के विचारण में गवाहों के बयानों एवं सबूतों के आधार पर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने अभियुक्तगण रमेश एवं मंशा देवी में से प्रत्येक को धारा 304/34 को सात वर्ष की कठोर कारावास एवं 15000 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशिशंकर सिंह ने बताया कि मामले में अभियोजन की तरफ से कुल 10 गवाहों को परीक्षित कराया गया। अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। इसकी गुणवत्ता पूर्ण विवेचना एवं अभियोजन की प्रभावी पैरवी से अभियुक्तगण को सजा दिलाने में कामयाबी मिली। अभियोजन की तरफ से शासकीय अधिवक्ता शशिशंकर सिंह एवं राजेन्द्र पाण्डेय ने पक्ष रखा।