
चंदौली। जिले में इस समय उर्वरक की डिमांड काफी अधिक है। ऐसे में दुकानदार मुनाफाखोरी के चक्कर में अनियमितता करने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही मामला कृषि विभाग की छापेमारी के दौरान सामने आया। दो दुकानों में खाद वितरण में गंभीर खामियां पाए जाने पर दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। विभाग की कार्रवाई से खाद विक्रेताओं में खलबली मची रही।
जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे ने बताया कि मेसर्स महिमा खाद भंडार सवैया महलवार व मेसर्स सिंह एजेंसी धरौली की जांच की गई। दोनों प्रतिष्ठानों में उर्वरक व्यवसाय में बहुत ही गम्भीर खामियां पायी गयी। स्टाक रजिस्टर अनुपलब्ध था। उर्वरक वितरण रजिस्टर अद्यतन नहीं था। मेसर्स महिमा खाद भंडार के वितरण रजिस्टर में गत एक माह (दिनांक 06.12.2022 से दिनांक – 05.01.2023 तक) मात्र पांच क्रेताओं के विवरण मिला। जबकि IFMS पोर्टल के अनुसार इस अवधि में कुल 1030 क्रेताओं को 457. 795 एमटी खाद बेची गई थी। इसी प्रकार मेसर्स सिंह एजेंसी धरौली के वितरण रजिस्टर में दर्ज नामों तथा IFMS पोर्टल पर उपलब्ध क्रेताओं के विवरण में कोई एकरूपता नहीं मिली। IFMS पोर्टल के अनुसार गत 30 दिनों के अन्दर (06.12.2022 से 05.01.2023 तक) कुल 746 क्रेताओं को 303.045 एमटी उर्वरक बेची गयी है, जिसका वितरण रजिस्टर में कोई अंकन नहीं था। क्रेताओं की खतौनी एवं फसल के अनुसार उर्वरक वितरण नहीं किया गया। इनके वितरण रजिस्टर में किसी क्रेता/कृषक का विवरण नहीं मिला। ऐसे में स्पष्ट था कि खाद वितरण में गंभीर अनियमितता बरती गयी है। स्टाक में भी गड़बड़ी मिली। ऐसे में मेसर्स महिमा खाद भंडार के प्रोपराइटर अरविंद कुमार पुत्र दुर्गा प्रसाद ग्राम- सवैया के विरूद्ध थाना शहाबगंज व मेसर्स सिह एजेंसी के प्रोपराइटर हर्ष सिंह पुत्र कुनाल सिंह ग्राम धरौली के विरूद्ध थाना सैयदराजा में आवश्यक वस्तु अधिनियम के सेक्शन 3/7 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।