चंदौली। बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। आएदिन सर्पदंश के मौतों की खबरें आ रही हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन अलर्ट हो गया है। सरकार ने सर्पदंश से जान गंवाने वाले मृतकों के आश्रितों को 4 लाख की आर्थिक सहायता देने का प्रविधान किया है। वहीं प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने व राहत और बचाव के उपायों के प्रचार-प्रसार के आदेश दिए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से इसको लेकर एडवाइजरी जारी की गई है।
जानिये सर्पदंश के लक्षण
सर्पदंश होने पर अत्यधिक असर मानव तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क) पर होना।
सबसे अधिक बेहोशी का आना।
पलकों का भारी होना व अत्यधिक नींद का आना।
सांस लेने में तकलीफ होना।
आखो में धुंधलापन छाना।
अत्यधिक पसीना आना।
सांप काटने की स्थिति में क्या करें
सर्पदंश वाले अंग को न मोड़े।
सर्पदंश वाले अंग पर सूजन वाले भाग में रस्सी व पट्टी न बांधें।
पीड़ित को स्थिर रखें।
पीड़ित को तुरंत नजदीकी स्पताल लेकर जाएं।
सर्पदंश पर प्राथमिक उपचार
सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल नहीं ले जा सकते तो प्राथमिक उपचार दें। सबसे पहले रोगी को आश्वस्त करें क्योंकि लगभग 70 से 80 प्रतिशत मृत्यु मामले गैर विषैले सर्प से काटने होती हैं। शरीर के प्रभावित हिस्से से अगुठियां, घड़ी, आभूषण, जूते व तंग कपड़े हटा दें, ताकि प्रभावित हिस्से में रक्त की आपूर्ति ना रुके। सर्पदंश से प्रभावित अंग को स्थिर करें और उसे हिलाने से बचें। प्रभावित अंग के स्थान के दो अंगुल उपर या नीचे ही पट्टी बांधें। सर्पदंश से प्रभावित व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके निकटतम स्वास्थ केन्द्र ले जाएं।