चंदौली। जो भगवान का चिंतन करता है, भगवान उसकी चिंता करते हैं। प्रभु के भजन से पापी से भी पापी मनुष्य सभी तरह के पापों से मुक्त हो जाता है। उक्त बातें कथा वाचक शिवम शुक्ल जी महाराज ने वत्सेश्वर महादेव सेवा ट्रस्ट की ओर से मसोई गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बुधवार की रात कही। उन्होंने श्रोताओं को प्रभु के भजन की महिमा बताई।
तीसरी निशा की कथा का शुभारंभ बिहार प्रांत के कैमूर भभुआ के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सनोज कुमार त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कथा वाचक ने गोकर्ण जी के पावन चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कोई भी पापी हो, कैसा भी पापी हो, जिसने जीवनपर्यंत पाप ही किया हो और जीते हुए भागवत कथा न सुन पाया हो। यदि वह मरने के बाद भी भगवान की कथा सुन ले, तब भी उसका उद्धार हो जाता है। जो भगवान का भजन नहीं करता, वह पशु के समान है। मानव देहधारी का एक ही लक्ष्य होना चाहिए, केवल भगवान की प्राप्ति करना। भगवान की कथा से धुंधुकारी जैसे पापी का कल्याण हो गया। इसलिए हमें भगवान की कथा अवश्य सुनना चाहिए। उन्होंने कुंती माता के चरित्र के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि कुंती माता के समस्त दुःख को भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं दूर किया क्योंकि वह केवल भगवान का ही चिंतन किया करती थीं।