चंदौली। जिला पंचायत में 5.63 करोड़ रुपये की गंभीर अनियमितता का मामला सामने आने के बाद विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। शराब की दुकानों सें लाइसेंस फीस की वसूली, लेबर सेस की धनराशि, ठेकेदारों के जमानत राशि अवशेष से संबंधित मामले में इसमें शामिल हैं। मामला उजागर होने के बाद विभाग में खलबली मची है।
पिछले दिनों डबल एओ ने विभाग की आडिट की थी। उसमें 5.63 करोड़ रुपये की अनियमितता सामने आई थी। इसमें कई मदों में खेल हुआ है। धनराशि और अभिलेखों की पुष्टि नहीं कराई गई। वहीं धनराशि को खर्च करने और लेखा-जोखा में भी गंभीर अनियमितता बरती गई है। इसके लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी, कर अधिकारी और लेखाकार उत्तरदायी पदाधिकारी माने गए हैं। इस पर लेखा विभाग की ओर से जिला पंचायत को नोटिस भेजकर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया था।
इन मदों में अनियमितता
मदिरा की दुकानों के लाइसेंस शुल्क कम वसूल करने और सीपी टैक्स निर्धारण न करने के कारण 4.88 लाख निजी राजस्व की क्षति हुई। इसी तरह दुकान आवंटियों से किराया नहीं वसूल कर गंभीर अनियमितता बरती गई। इसमें 2.56 लाक की अनियमितता सामने आई है। लेबर सेस की धनराशि की संबंधित विभाग से पुष्टि न कराना। इसमें 23.55 लाख रुपये की गंभीर अनियमितता बरती गई। ठेकेदारों के जमानत अवशेष की धनराशि को संबंधित अभिलेखों से पुष्टि न कराकर 1.90 करोड़ की अनियमितता, अपूर्ण परियोजनाओं पर अलाभकारी व्यय दर्शित कर 3.42 करोड़ की अनियमितता का मामला सामने आया है।