चंदौली। किसानों को सहकारी समिति से डीएपी के साथ नैनो यूरिया की बोतल पकड़ाए जाने से नाराजगी है। किसानों का आरोप है कि शहाबगंज साधन सहकारी समिति से किसानों को खाद के साथ जबरन नैनो यूरिया दी जा रही है। वहीं कृषि विशेषज्ञ इसे फसलों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं।
किसानों का कहना रहा कि सहकारी समिति पर नैनो यूरिया की बोतल लेने पर ही खाद दी जा रही है। जो किसान इसे लेने से इनकार कर रहे हैं, उन्हें खाद नहीं दी जा रही है। बताया कि चार बोरी खाद लेने पर किसानों के लिए 225 की नैनो यूरिया की बोतल खरीदना जरूरी है। इसको लेकर किसानों में नाराजगी है। उनका कहना रहा कि यह तरीका गलत है। जिस किसान को नैनो यूरिया नहीं चाहिए, उन्हें जबरन नहीं दिया जाना चाहिए। किसानों को नैनो यूरिया की बोतल लेने के लिए मजबूर न किया जाए। इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक डा. कपिलदेव सिंह ने बताया कि नैनो यूरिया फसलों के संतुलित पोषण के लिए एक उपयुक्त माध्यम है। सरकार की ओर से उपयोग के लिए किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें जबरदस्ती वाली कोई बात नहीं है। यदि कोई किसान केवल खाद लेना चाहता है तो वह बिना नैनो यूरिया लिए खाद ले सकता है। जिला कृषि अधिकारी बसंत दुबे ने बताया कि सरकार के शासनादेश अनुसार किसानों को खाद के साथ नैनो यूरिया दी जा रही है। कुल मिलाकर देखा जाए तो क्षेत्रीय किसानों में जानकारी के अभाव व उचित प्रचार-प्रसार के कमी के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है जिसको लेकर किसानों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए समाधान की मांग की है।