
वाराणसी। सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को अपना शिकार बनाने वाले अंतराज्यीय गिरोह के ठग को मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपी को पूछताछ व विधिक कार्रवाई के लिए सिगरा थाने की पुलिस को सुपुर्द किया गया है। एसटीएफ ने रविवार को गिरोह के सरगना समेत तीन जालसाजों को पकड़ा था। गिरफ्तार ठग आलोक उर्फ विजय कुमार बिहार राज्य के जमुई के लक्खापुर का रहने वाला है।
आरोपित से एसटीएफ ने पूछताछ की। उसने बताया कि ठगों का गिरोह 2007 से ही सक्रिय है। 2019 में वाराणसी में आठ लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर 41 लाख रुपए लिए थे। भुक्तभोगियों ने सिगरा थाने में मुकदमा कराया था। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद शातिरों ने वाराणसी छोड़ दिया। इसके बाद भुवनेश्वर और हैदराबाद चले गए। यहां बाकायदा दफ्तर खोलकर नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को ठग रहे थे। शातिर ठगों का पता लगाने में पुलिस व एसटीएफ के साथ मिलिट्री इंटेलिजेंस भी लगी थी। मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर 20 फरवरी को गिरोह के सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन सहित 3 आरोपियों को वाराणसी के सिगरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी की टीम पटना में मौजूद थी। इसी दौरान सूचना मिली कि गिरोह का एक सदस्य पटना के रामकृष्णनगर थाना की आदर्श कालोनी में मौजूद है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने बताए गए स्थान पर छापेमारी की। इस दौरान आलोक हत्थे चढ़ गया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कुबूल किया। पुलिस के अनुसार आलोक गिरोह के सरगना अजीत प्रताप सिंह उर्फ अमन सिंह का मुख्य सहयोगी है। गिराह भारतीय सेना, रेलवे और सिंचाई विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों में बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा ठगी करता था।