
चंदौली। योगी सरकार के मंत्रिमंडल में चंदौली के किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली है। जबकि चंदौली प्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल है। यहां की चार विधान सभाओं में तीन पर बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। सैयदराजा सीट से सुशील सिंह लगातार दूसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते तो चार बार विधान सभा में बैठने का अनुभव उनके पास है। सुरक्षित विधान सभा चकिया के कैलाश आचार्य संघ से जुड़े जमीनी नेता हैं। इस तरह देखा जाय तो चंदौली पिछले 20 साल से सूबे के पावर सेंटर से दूर है। वर्ष 2002 से 2003 के बीच बसपा सरकार के गठन के बाद सदर से विधायक बने शारदा प्रसाद को राज्यमंत्री के रूप में सार्वजनिक उद्यम विभाग का प्रभार मिला था।
चंदौली से प्रदेश सरकार में ये भी रहे मंत्री
धानापुर से विधायक रहे कैलाशनाथ यादव जनता दल की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। लेकिन इसके बाद अब तक सपा, बसपा और भाजपा की सरकारें प्रदेश में बनी। लेकिन जिले से निर्वाचित किसी विधायक को सरकार में मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। जबकि देखा जाए तो सैयदराजा से भाजपा के विधायक सुशील सिंह लगातात चौथी बार विधायक बने हैं। पहली बार वह 2007 में बसपा के टिकट पर धानापुर से निर्वाचित हुए। इसके बाद 2012 में सकलडीहा से निर्दलीय चुनाव जीते। जबकि 2017 और 2022 में सैयदराजा में कमल खिला चुके हैं।