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Chandauli News : सत्य है ईश्वर का स्वरूप, उसका विनाश नहीं होता, मसोई गांव में कथा का आयोजन, श्रीमद्भागवत का महात्म्य सुन धन्य हुए श्रोता

चंदौली। ईश्वर का स्वरूप सत्य है। उसका कभी विनाश नहीं होता। यह संसार सत्य नहीं है, क्योंकि यह एक दिन नष्ट हो जाएगा, तब भी परमात्मा रहेंगे। उक्त बातें मसोई गांव में श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ के अवसर पर सोमवार की रात कथा वाचक शिवम शुक्ला ने कही।

तहसीलदार वंदना मिश्रा व कथा वाचक ने दीप प्रज्ज्वलन कर कथा का शुभारंभ किया। कथा वाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य का वर्णन किया। कहा कि भगवान को हम साधारण मानव कैसे पहचानें। भगवान सच्चिदानंद स्वरूप हैं। भगवान के तीन गुण हैं सत्य, चित्त और आनंद। ईश्वर का स्वरूप सत्य है, जिसका कभी विनाश नहीं हो सकता है। यह संसार सत्य नही है, क्योंकि यह एक दिन नष्ट हो जाएगा। संसार आज है कल नहीं रहेगा। संसार सदैव रहने बाला नहीं है, लेकिन भगवान पहले भी थे और आज भी हैं। यह संसार नहीं रहेगा, तब भी परमात्मा रहेंगे। इसलिए इस संसार में केवल भगवान की ही सत्ता सत्य है।  परमात्मा ही सत्य है। भगवान चित्त (चैतन्य) स्वरूप हैं। भगवान ही सारे जगत को अपने प्रकाश से प्रकाशित कर रहे हैं। भगवान आनंद स्वरूप हैं। जीव संसार की वस्तु को ही आनंद कहता है, लेकिन सत्यता तो यह है कि संसार की वस्तुओं में आनंद नहीं है। आनंद तो भगवान की भक्ति में है। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम हमारे समस्त पापों का विनाश कर देता है। कलियुग में केवल भगवान के नाम की महिमा है, इसलिए भागवत का शुभारंभ भगवान को प्रणाम करके हो रहा है। उन्होंने भक्ति महारानी के पावन चरित्र का वर्णन किया। कहा कि नारद जी ने भक्ति महारानी को यमुना तट पर रोते हुए देखा तो पूछा कि देवी आप क्यों रो रही हैं और ये दो बुड्ढे कौन हैं  और ये कामलनयनिया माताएं कोन है। भक्ति महारानी ने कहा कि नारद जी मेरा नाम भक्ति है। ये दोनों बुड्ढे ही मेरे पुत्र हैं और ये माताएं गंगादि नदिया हैं, जो मेरी सेवा कर रही हैं। न जाने क्या हो गया कि मेरे दोनों पुत्र बुड्ढे हो गए। होना तो यह चाहिए कि मेरे बच्चों को युवा और मुझे वृद्ध होना चाहिए। नारद जी आप मेरे इस कष्ट को दूर करें। नारद जी कहते हैं देवी ये सब कलियुग का प्रभाव है चिंता मत करो, भगवान का भजन करो। भक्ति महारानी की भागवत कथा सुनने से सारे दुख भाग गए। सत्संग से हमारे हृदय में परमात्मा का बास हो जाता है और जब भगवान आ जाते हैं तो सारे दुख भाग जाते हैं।

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