चंदौली। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तालाबों को कब्जामुक्त करने की कवायद शुरू कर दी है। तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने के साथ ही इनकी खोदाई, रैंप का निर्माण कराया जाएगा। चारों तरफ पौधारोपण भी कराया जाएगा। जल शक्ति अभियान कैच द रेन के तहत मनरेगा के मद से तालाबों का कायाकल्प करने की योजना बनाई गई है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए हर ग्राम पंचायत में कर्मचारियों की तीन सदस्यीय टीम गठित होगी। हर सप्ताह दो दिन विशेष अभियान चलेगा। चंदौली डीएम संजीव सिंह ने इस बाबत निर्देश जारी कर किया है।
दरअसल, राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार जिले में लगभग एक हजार तालाब हैं। हालांकि मौके पर बहुत कम बचे हैं। कई गांवों में सार्वजनिक तालाबों पर सुनियोजित कब्जे की वजह से इनका अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। जहां कहीं तालाब हैं, तो उन पर अवैध कब्जा बदस्तूर है। इसकी वजह से अविरल जलस्रोतों पर खतरा मंडराने लगा है। इसको गंभीरता से लेते हुए तालाबों को अवैध कब्जा से मुक्त कराने की योजना बनाई गई है। शासन की मंशा के अनुरूप हर ग्राम पंचायत में लेखपाल, पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक की तीन सदस्यीय टीम गठित होगी। अतिक्रमण की जद में आने वाले तालाबों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद टीम के तीनों सदस्य एक साथ प्रस्थान करेंगे। तालाब को अतिक्रमणुक्त कराने के बाद इसकी सूचना संबंधित एसडीएम कार्यालय को निर्धारित प्रारूप पर देनी होगी। तकनीकी सहायक व अवर अभियंता उक्त तालाब के सिक्योर साफ्ट के लिए प्राक्कलन तैयार करेंगे। इसके तीन दिन के अंदर तालाब की खोदाई का काम शुरू कराया जाएगा। इस दौरान इनलेट व आउटलेट का निर्धारण इस तरीके से किया जाएगा कि अधिक से अधिक जल संग्रहण किया जा सके।
विलुप्त नदियों को भी मिलेगा नवजीवन
जिलाधिकारी ने एसडीएम व बीडीओ को अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसी नदियों की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। नदियों का पुनरुद्धार कराया जाएगा। उनकी खोदाई कराने के साथ ही सिल्ट सफाई व प्रवाह में आने वाले अवरोध दूर किए जाएंगे। इससे नदियों को दोबारा जीवनदान मिलेगा।