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Chandauli news: जिले में पैर जमाने को माफियाओं और दबंगों को खुद चारा फेंकती हैं बड़ी कंपनियां, दूध के धुले ये भी नहीं

जय तिवारी

चंदौली। जल जीवन मिशन के अधिकारियों के साथ मारपीट का मामला अभी भी सुर्खियों में है। दबंगों ने अधिरकारियों की सरेआम पिटाई कर दी थी। सीसी टीवी फुटेज सामने आने के बाद आरोपियों के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया गया बल्कि कुछ को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया। इसी मामले में अलीनगर थाने में एक और एफआईआर दर्ज हुई है। सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि के करीबी शेरू सिंह और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने के दारोगा को खुद वादी बनना पड़ा।

जिले में पैर जमाने को माफियाओ को खुद चारा फेंकती हैं कंपनियां
इस घटनाक्रम को नजदीक से देखने की कोशिश करें तो माफियाओं के साथ कंपनी के अधिकारी भी कम दोषी नहीं हैं। बड़ी कंपनियां जब जिलों में करोड़ों का प्रोजेक्ट उठाती हैं तो सबसे पहले प्रभावशाली ठेकेदारों को अपने साथ शामिल करने के प्रयास में जुट जाती हैं ताकि काम में किसी तरह का व्यवधान न पैदा हो। स्थानीय ठेकेदार गड़बड़ी करते हैं जिसका फायदा कंपनियों को भी होता है। काम की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। मुगलसराय में जल जीवन मिशन के कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट की घटना पर वापस आते हैं। मारपीट के बाद भी कंपनी के अधिकारी अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं थे। मुंह खोलते तो खुद भी जांच की जद में आते। निजी कंपनियों के अधिकारी अपने साथ सुरक्षा गार्ड भी रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ मारपीट की घटना के बाद प्रभात एस गौतम को एसपी स्तर से दो सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए थे बावजूद ठेकेदार शेरू सिंह के फोन करते पर प्रभात गौतम अकेले ही उससे मिलने चला गया। पूरे मामले की कायदे से पड़ताल हो तो कंपनी के अधिकारियों का गला फंसना भी तय है।

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