चंदौली। सदर कोतवाल गगनराज सिंह के कारनामों की चर्चा अब कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और पिछड़ा वर्ग आयोग के जरिए शासन तक पहुंच चुकी है। केशवपुर गांव आए मंत्री के सामने दिव्यांग अमित प्रजापति ने इंस्पेक्टर के करतूतों की पोल खोल दी। आरोप लगाया कि भाई के मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कराने को 16 दिन तक दौड़ाते रहे। कई दफा दुत्कार कर भगा भी दिया। लेकिन मुकदमा नहीं लिखा। मंत्री जी ने पुलिस की लापरवाही की बात स्वीकार करते हुए कड़ी कार्रवाई की बात तो कही है लेकिन गेंद चंदौली एसपी के पाले में है। इंस्पेक्टर की शिकायतों और लापरवाही पर अब तक पर्दा डालते आ रहे पुलिस अधिकारी आगे क्या एक्शन लेंगे यह देखने वाली बात होगी।
सदर कोतवाल को और कितना अभयदान ?
लंबे समय से सदर कोतवाली का जिम्मा संभाले बैठे गगनराज सिंह की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। पुराने पुलिस कप्तान के खासे चहेते थे इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ माह पहले थाने के दीवान ने अवैध वसूली को लेकर बोगा चालक से बीच सड़क मारपीट कर ली। पुलिस की खूब किरकिरी हुई। उस दौरान भी इंस्पेक्टर पर आरोप लगे थे। लेकिन तत्कालीन एसपी पूरे मामले को ठंडई की तरह से गटक गए। चुंकि पुराने कप्तान वर्तमान एसपी के बैचमेट रहे हैं इसलिए नए कप्तान भी गगनराज सिंह को अपनी छत्रछाया में पूरी तरह महफूज रखे हुए हैं। जबकि इंस्पेक्टर के खाते में गुडवर्क के नाम पर भी कोई बड़ी उपलब्धि दर्ज नहीं है। केशवपुर निवासी महेंद्र प्रजापति की मौत के मामले में कोतवाली पुलिस जिस तरह की ढिलाही दिखाई है उसकी शिकायत पिछड़ा वर्ग आयोग से लेकर शासन तक पहुंच चुकी है। अब तो महकमे के आलाधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ चुकी है। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पुलिस की लापरवाही पर खेद जताते हुए मामले से सीएम को अवगत कराने और कड़ी कार्रवाई की बात कही है।