चंदौली। सरकारी विभागों की ओर से महज तीन दिन में ही लगभग सौ करोड़ के लंबित भुगतान करा दिए गए। साथ ही शासन से आवंटित बजट को विभिन्न मदों में खर्च करने की होड़ दिखी। गुरुवार की देर शाम तक मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में विभागाध्यक्ष व कर्मी जमे रहे। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के मद्देनजर यह हलचल रही।
विधानसभा चुनाव की वजह से विकास कार्य थम गए थे। ऐसे में लंबित भुगतान व बजट खर्च करने की प्रक्रिया भी बाधित हो गई थी। वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक बजट खर्च न होने पर सरेंडर करने की नौबत आ सकती थी। ऐसे में विभागों ने तेजी से लंबित भुगतान निबटाएं। साथ ही बजट को खर्च करने के प्रयास में जुटे रहे। ताकि किसी भी सूरत में धनराशि सरेंडर न करनी पड़े। इसी होड़ में विभिन्न विभागों मे लगभग सौ करोड़ रुपये का लंबित भुगतान क्लीयर कर दिया। स्वास्थ्य, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, लोक निर्माण, उद्यान व कृषि विभाग ने सबसे अधिक लंबित बिलों का भुगतान कराया। वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन भी शिक्षा विभाग ने 61.66 लाख, निर्वाचन ने 26.27 लाख, स्वास्थ्य विभाग ने 1.30 करोड़ व कृषि विभाग द्वारा 26 लाख तक का भुगतान किया। देर रात तक यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। मुख्य कोषाधिकारी पवन कुमार द्विवेदी ने बताया कि आखिरी तीन दिनों में विभागों ने 100 करोड़ के लंबित भुगतान निबटाए। जो विभाग धनराशि खर्च नहीं कर पाएंगे, उन्हें सरेंडर करना होगा।
जनवरी में कम बजट आवंटित
विभागाध्यक्षों की मानें तो विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस बार जनवरी माह में कम बजट आवंटित किया गया। हालांकि चुनाव के दौरान विभागीय कामकाज सुस्त पड़ गया था। विभागों की ओर से वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दिन लंबित बिलों के भुगतान कराने का प्रयास किया गया।
डीएम ने दी थी हिदायत
जिलाधिकारी संजीव सिंह ने पिछले दिनों राजस्व वसूली व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभागाध्यक्षों को सख्त हिदायत दी गई थी कि हर हाल में लंबित बिलों का भुगतान करा दें। वहीं शासन से आवंटित बजट का सदुपयोग कर लिया जाएगा। इसका असर दिखा।