
चंदौली। केंद्र सरकार के कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। न किसान पीछे हट रहे हैं ना ही सरकार झुक रही है। बहरहाल किसान संगठनों द्वारा तीनों कृषि कानून के खिलाफ संपूर्ण क्रांति दिवस मना कर कानून की प्रतियां सभा, मीटिंग, प्रदर्शन, करके जलाने की घोषणा की गई है। ऐसे में पुलिस ने प्रमुख कस्बों के चाौराहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है, जबकि किसान समर्थक नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया है।
चकिया में किसान नेताओं के घर पहुंची पुलिस
चकिया कोतवाली पुलिस द्वारा नगर के विभिन्न तिराहे व चाौराहों पर पुलिस बल व पीएसी की तैनाती कर दी गई है। अखिल भारतीय किसान सभा के जिला मंत्री लालचंद सिंह एडवोकेट को भी हाउस अरेस्ट कर लिया है। लालचंद सिंह ने कहा कि सरकार की नीति जो किसानों को हाउस अरेस्ट करके आंदोलन को रोकने की है या किसान आंदोलन नहीं होने देना चाहती है किसान संगठन के लोग आंदोलन को हर हाल में करके ही रहेंगे। मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए तमाम तरह के उपाय कर रही है। यहां तक कि सरकार ने महामारी में किसानों और आम जनता में जो टीकाकरण होना चाहिए। दवा उपलब्ध होनी चाहिए उसकी व्यवस्था तक नहीं कर पा रही है। किसान के फसल की खरीद तक नहीं हो पा रही है। इससे किसान और भी आक्रोशित हैं। वहीं किसान सभा के जिला अध्यक्ष कामरेड परमानंद को भी घर पर हाउस अरेस्ट कर दिया गया है
पूर्व विधायक मनोज सिंह सैयदराजा में नजरबंद
किसान आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले पूर्व विधायक मनोज सिंह को भी पुलिस ने सैयदराजा स्थित उनके आवास पर नजरबंद कर दिया है। मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि मैं किसानों की समस्याओं के लिए उनकी आवाज में अपनी आवाज मिलता हूं। लोकतांत्रिक तरीके से किसानों के समर्थन में हो रहे हर आंदोलन व धरना को मेरा समर्थन है। आखिर बीजेपी सरकार को मुझसे क्या डर है। किसानों की आवाज उठाने के एवज में हर सजा स्वीकार है