चंदौली। अनुदेशक के पद पर रहते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बने आशीष सिंह रघुवंशी पर शिक्षा विभाग का शिकंजा कसने लगा है। शिकायत मिलने के बाद ,खंड शिक्षा अधिकारी सितंबर माह के मानदेय पर रोक लगा दी है। साथ ही विद्यालय में उपस्थिति, अवकाश, मेडिकल आदि की जांच की जा रही है। हालांकि इस घटना से सत्ता पक्ष की भी खूब किरकिरी हो रही है।
हाल ही में भाजयुमो जिलाध्यक्ष का पद संभालने वाले आशीष रघुवंशी चहनिया क्षेत्र के टांडाकला परिषदीय विद्यालय प्रथम में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं। इनपर लाभ के दो पदों का उपभोग करने संबंधी आरोप लग रहे हैं। पिछले दिनों आरटीआई कार्यकर्ता दीपेश कुमार सिंह ने बीएसए के साथ ही आईजीआरएस पर भी शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि भाजयुमो जिलाध्यक्ष सत्ता की हनक का इस्तेमाल करते हुए सरकारी सेवक नियमावली का माखौल उड़ा रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने की बजाय राजनीतिक मंचों की शोभा बढ़ा रहे हैैं। इसके भी आश्चर्यजनक यह कि इनके लंबे समय से सक्रिय राजनीति में होने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी आंख पर पर्दा और कान में रुई डाले हुए हैं। बहरहाल आरटीआई एक्टिविस्ट की शिकायत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप मिश्रा को मामले की जांच कर अवगत कराने का निर्देश दिया है। बीईओ ने फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए अनुदेशक और भाजयुमो जिलाध्यक्ष आशीष सिंह रघुवंशी का सितंबर माह का मानदेय रोक दिया है। बीईओ प्रदीप मिश्रा ने बताया कि अनुदेशक आशीष रघुवंशी की विद्यालय में उपस्थिति सहित अन्य मामलों की जांच की जा रही है। फिलहाल उनके मानदेय पर रोक लगा दी गई है।
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