चंदौली। बबुरी थाना क्षेत्र निवासी किशोरी की रहस्यमय मौत के मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद बबुरी पुलिस ने भले की चकिया के पूर्व प्रमुख सहित तीन ज्ञात और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। ठाकुर दंपती को बबुरी पुलिस की जांच पर जरा भी भरोसा नहीं है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को पत्र लिखकर मुकदमे की विवेचना बबुरी पुलिस से सीबीआई को सुपुर्द करने की मांग की है।
पूर्व आईजी ने की सीबीआई जांच की मांग
अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने बबुरी थाना क्षेत्र निवासी किशोरी की अत्यंत रहस्यमय मौत के मामले में दर्ज हुए मुकदमे की विवेचना सीबीआई से कराने की मांग की है। अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग को भेजे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि गुडिया की 12 जून 2021 की रात जिला चिकित्सालय, सोनभद्र में मौत होने तथा बिना पोस्टमार्टम अस्पताल द्वारा शव देने सहित तमाम संदिग्ध तथ्यों के आधार पर बार-बार एफआईआर दर्ज कर दोषी अधिकारियों की जवाबदेही नियत करने की मांग की थी किन्तु किसी भी अफसर ने इनका कोई संज्ञान नहीं लिया। इसी बीच बच्ची के दादा ने स्पेशल कोर्ट (पोक्सो एक्ट) चंदौली के समक्ष धारा 156(3) सीआरपीसी में वाद दायर किया। उस वाद में भी थाना बबुरी ने अपनी आख्या चार जुलाई 2021 द्वारा दोषियों के बचाव का पूरा प्रयास किया जो कोर्ट के आदेश में भी लिखा है। लेकिन कोर्ट ने उस आख्या को पूरी तरह दरकिनार करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद भी सात दिन तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। अंत में 14 जुलाई को एफआईआर दर्ज हुई। अमिताभ और नूतन ने कहा कि इस मामले में चंदौली पुलिस अभी तक अभियुक्तों के पक्ष में काम कर रही है। चंदौली पुलिस की अब तक की हरकतों से स्पष्ट है कि इस मामले में उनके स्तर से कोई भी न्याय संभव नहीं है। अभियुक्तगण अत्यंत रसूखदार लोग हैं। अतः मामला सीबीआई को सौंपा जाना जरूरी दिखता है।