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Chandauli News : इस बार सावन शिवरात्रि पर बन रहे दो शुभ योग, जलाभिषेक व पूजा का मिलेगा विशेष लाभ

चंदौली। इस बार सावन शिवरात्रि पर दो शुभ वृद्धि और ध्रुव योग बन रहे हैं। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने का विशेष पुण्य भक्तों को मिलता है। सावन शिवरात्रि की निशिता पूजा का मुहूर्त रात 12 बजकर 07 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक है। सावन शिवरात्रि को रात्रि पूजा के लिए 41 मिनट का शुभ मुहूर्त है। वहीं जो लोग दिन में पूजा करना चाहते हैं, वे सूर्योदय के बाद कभी भी कर सकते हैं।

 

श्रावण मास भगवान शिव को बेहद प्रिय है। वैसे तो हर माह शिवरात्रि पड़ती है जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। मगर श्रावण मास की शिवरात्रि की विशेष महत्ता बताई गयी है। सावन माह की शिवरात्रि के दिन पूरे देशभर के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। सावन शिवरात्रि के शुभ दिन पर शिवजी का जलाभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना गया है। ज्योतिष गुरु पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि सावन शिवरात्रि का पावन त्योहार 15 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत रात 8:32 बजे से होगी और 16 जुलाई 2023 को रात 10:08 बजे इसका समापन होगा। सावन शिवरात्रि के पारण का शुभ मुहूर्त 16 जुलाई 2013 की सुबह 5:35 से दोपहर 3:54 तक रहेगा। वहीं, सावन शिवरात्रि में पूजा का मुहूर्त 16 जुलाई रविवार दोपहर 12:08 से शुरू होगा जो 12:48 बजे तक रहेगा। 15 जुलाई को जो लोग दिन में पूजा करना चाहते हैं, वे सूर्योदय के साथ कभी भी कर सकते हैं। इस बार सावन शिवरात्रि पर दो शुभ योग वृद्धि और ध्रुव योग बने हैं। वृद्धि योग प्रात: काल से सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक है।  इस योग में पूजा पाठ करने से पुण्य फल में वृद्धि होती है। इसके बाद से ध्रुव योग प्रारंभ होगा। जो पूरी रात रहेगा। सावन शिवरात्रि के दिन मृगशिरा नक्षत्र है। यह सुबह से लेकर रात 12:23 बजे तक है।

 

भद्रा में होगी सावन शिवरात्रि की निशिता पूजा

15 जुलाई को सावन शिवरात्रि के दिन भद्रा रात में 08 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रही है, यह अगले दिन 16 जुलाई को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक है। यह स्वर्ग की भद्रा है। शुभ मुहूर्त में शिवजी की पूजा करते हैं। भांग, बेलपत्र, अक्षत्, गंगाजल, दूध, शहद, शमी के पत्ते, फूल, धतूरा आ​दि से विधिपूर्वक शिव पूजा करें। ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें ओर शिव जी की आरती करें। दिन में आपको फलाहार करना चाहिए और शिव पुराण की कथा पढ़ सकते हैं। व्रत के अगले दिन पारण करते हैं। श्रावण शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का पाठ करने से नौकरी व्यापार की समस्या खत्म होती है। शिव पुराण के पांच अध्याय का पाठ करना चाहिए। शिवपुराण पाठ को पढ़ने से रोग और दोषों का नाश होता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने। अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और साफ आसन पर बैठ जाएं। शिव पूजा में धूप, दीप, सफेद चंदन, माला और सफेद आक के पांच फूल का उपयोग करते हुए शिव मंत्रों का 11 माला जाप करने से विरोधियों का नाश होता है।

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