
चंदौली। पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेल मंडल में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं। कमीशनखोरी के खेल ने ठेकेदारों की हालत पतली कर दी है। अधिकारियों के उत्पीड़न से परेशान ठेकेदारों का रेल के कामों से मोह भंग होने लगा है तो कुछ आर्थिक और मानसिक तौर पर टूटते जा रहे हैं। रेल का काम करने वाली बड़ी फर्म खगौल लेबर कोआपरेटिव सोसायटी के संचालक ने वरीय मंडल यात्रिक अभियंता पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी से जुड़े गंभीर आरोप लगाए हैं।
सिक्योरिटी मनी के भुगतान के एवज में कमीशन की मांग
खगौल लेबर कोआपरेटिव सोसायटी के संचालक का आरोप है कि उनकी फर्म ने ट्रेन की सफाई से जुड़ा कार्य काफी पहले ही समाप्त कर दिया। कार्य से जुड़ा अनुबंध समाप्त होने के सात महीने बाद वरीय मंडल यांत्रिक अभियंता ने खराब कार्य दिखाकर निविदा को निरस्त दिखा दिया और पर्फार्मेंस गारंटी का तकरीबन सवा करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रहे। इस बाबत कई दफा पत्राचार के बाद भी अधिकारी का अड़ियल रवैया बरकरार है। भुगतान के एवज में मोटा कमीशन मांग रहे हैं। यही नहीं लाखों रुपये के पुराने बिलों का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। कहा कि कार्यों का भुगतान नहीं होने की वजह से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार इस बाबत रेलवे के उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन पीडीडीयू रेल मंडल के वरीय मंडल यांत्रिक अभियंता पर अधिकारियों का जोर भी नहीं चल रहा।
यांत्रिक व वाणिज्य विभाग में किए गए स्थानांतरण की चल रही जांच
वरीय मंडल यांत्रिक अभियंता का विवादों से पुराना नाता रहा है। पीडीडीयू रंल मंडल के यांत्रिक और वाणिज्य विभाग में किए गए स्थानांतरण प्रक्रिया की विजिलेंस की टीम जांच कर रही है। कायदों का ताक पर रखते हुए कार्मचारियों का तबादला किया गया। पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन के महाप्रबंधक के निर्देश पर स्थानांतरण की जांच चल रही है। रेलवे में भ्रष्टाचार का यह खेल मोदी सरकार की जीरो टालरेंस नीति का माखौल उड़ा रहा है।