चंदौली। चकरघट्टा थाने की पुलिस ने मंगलवार को ट्रक समेत दो शातिर जालसाजों को पकड़ा। जांच में ट्रक का नंबर, आरसी फर्जी पाया गया। वहीं चालक का डीएल भी कूटरचित निकला। उनके पास से 55 हजार रुपये बरामद किए। दोनों जालसाज रिश्ते में जीजा व साला हैं। ट्रांसपोर्टरों को झांसा देकर उनका माल लाद लेते थे। उसे गंतव्य तक पहुंचाने की बजाय बीच रास्ते ही बेच देते थे।
पुलिस को सूचना मिली कि तिवारीपुर में एक सफेद रंग का ट्रक खड़ा है। चालक नंबर प्लेट पर ग्रीस लगाकर उसे छिपा रहा है। इसके बाद पुलिस एक्टिव हो गई। मौके पर पहुंचकर चालक व खलासी को पकड़ा। दोनों को हिरासत में लेकर मयवाहन थाने ले आई। यहां कड़ाई से पूछताछ की तो सारा भेद खुल गया। आरोपितों की पहचान थाना क्षेत्र के पचफेडियां गढ़वां निवासी शशिकान्त यादव उर्फ गुड्डु पुत्र हरिचरन यादव, लालतापुर निवासी अनूप कुमार यादव पुत्र हरिगेन यादव के रूप में हुई। शशिकांत अनूप का जीजा है।
छत्तीसगढ़ का है ट्रक
आरोपितों ने बताया कि ट्रक छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंबिकापुर के रहने वाले शाहिद रजा खान उर्फ सानू का है। वह सोनभद्र में कहीं रहता है। ट्रक में लगे नम्बर प्लेट के अंको को छुपा व बदलकर तथा कूट रचित आरसी व डीएल के माध्यम से ट्रान्सपोर्ट से माल लाद लेते हैं। ट्रक मालिक व उनके साथी धीरज व छोटेलाल के साथ मिलकर गाड़ी पर लदे माल को गंतव्य तक पहुंचाने की बजाय बीच रास्ते सौदा कर बेच देते हैं। इससे मिले रुपये ट्रक मालिक व हम दोनों आपस में बांट लेते हैं। बताया कि तीन अक्टूबर को ट्रान्सपोर्ट के माध्यम से केजीएन ट्रेडिंग डेहरी आनसोन रोहतास बिहार से चावल का भाड़ा मिला तो मैं अपने साथियों को बताया। ट्रक मालिक ने दूसरा कूट रचित नम्बर प्लेट दिया। इसे मैं ट्रक पर लगा दिया तथा उसी नंबर का कूटरचित आरसी दिखाकर तीस टन चावल ट्रक में लोडकर सत्यम बालाजी राइस मिल छातामुड़ा रायगढ़ छत्तीसगढ़ के लिए निकला। जैसे ही टेंगरा मोड़ पहुंचा, तभी ट्रक मालिक का फोन आया कि गाड़ी में लदे माल को मधुपुर सोनभद्र में किसी को बेचना है। इस पर ट्रक लेकर मधुपुर गए, अनूप के पूर्व परिचित दुकानदार नन्दलाल वर्मा पुत्र भगवान दास वर्मा, जिनकी दुकान अंडरपास पुल के बगल में है, उन्हें 15 रुपये प्रति किलो की दर से तय कर 4,50,000 में बेच दिया। सानू फोन कर एक आदमी को भेजा, जिसे हमलोगों ने पूरा पैसा दिया। उसने एक लाख रुपये निकालकर हमे दिए। इसमें आधी-आधी रकम हम दोनों ने आपस में बांट ली। ऐसे ही अन्य ट्रांसपोर्टरों को भी चूना लगाते थे।
पुलिस टीम में ये रहे शामिल
पुलिस टीम में निरीक्षक (अपराध) श्रीकांत पांडेय, उपनिरीक्षक राधाकृष्ण यादव, हेड कांस्टेबल चंद्रसेन यादव, घनश्याम वर्मा, नूर आलम, कांस्टेबल नंद कुमार यादव शामिल रहे।