
भदोही। रस्सी को सांप साबित करने में माहिर पुलिसकर्मियों का यह दांव उल्टा पड़ गया। कानून की धाराओं का दुरुपयोग भारी पड़ा। भदोही जिले में झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के एक मामले में कोइरौना थाने के पूर्व प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मियों को एसपी ने रविवार को निलंबित कर दिया। जबकि विवेचना में लापरवाही पर पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक वाराणसी प्रोटोकाल की जांच रिपोर्ट आने के बाद एसपी रामबदन सिंह ने यह कार्रवाई की। इससे महकमे में खलबली मच गई है।
मामला 12 जुलाई 2020 का है। तत्कालीन थाना प्रभारी कोइरौना संजय कुमार राय के नेतृत्व में उप निरीक्षक रामआशीष, कांस्टेबल रविंद्र कुमार, विष्णु सरोज और प्रदीप कुमार ने कथित तौर पर 40 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। इस मामले में बरामद ट्रक को सीज करने के साथ चालक के खिलाफ झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर उसका चालान कर दिया गया। इसकी विवेचना उप निरीक्षक आद्या प्रसाद और नेमतुल्लाह खान ने की। जबकि वास्तविकता यह थी कि सभी 40 मजदूर पुणे काम करने के लिए जा रहे थे। उन्हे जबर्दस्ती नहीं ले जाया जा रहा था। इसकी जांच अपर पुलिस अधीक्षक वाराणसी प्रोटोकाल ने की और पुलिसकर्मियों के झूठ की कलई खोल की रख दी। जांच आख्या मिलने के बाद एसपी रामबदन सिंह ने उक्त सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई महकमे और जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।