चंदौली। चकिया नगर में स्थित काली माता मंदिर, पोखरा, कालिका धाम कालोनी, भैसही के तिवारी का हाता, सब्जी मंडी समेत 58 बीघा जमीन अब राज्य सरकार के नाम पर दर्ज हो गई है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व चकिया एसडीएम प्रेमप्रकाश मीणा की न्यायालय ने इस पर फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया था। नगर में स्थित जमीन की कीमत लगभग 350 करोड़ आंकी गई है। एसडीएम के फैसले से खलबली मची है।
चकिया नगर में लगभग 58 बीघा जमीन पूर्व काशी नरेश स्वर्गीय विभूती नारायण सिंह व उनके पुत्र अनंत नारायण सिंह के साथ ही उनके वैदारों व अन्य लोगों के नाम से अंकित रही। इसमें काली माता मंदिर, परिसर, तालाब, कालिका धाम कालोनी, ठाकुर बाग, चकराबाग, बापू बाल विद्या मंदिर जूनियर हाईस्कूल, पुरानी सब्जी मंडी, भैसही के तिवारी का हाता शामिल है। एसडीएम का तर्क है कि पूर्व काशी नरेश व उनके पुत्र के नाम जमीन अवैधानिक रूप से दर्ज की गई थी। पांच मार्च को इसकी सुनवाई के बाद उन्होंने उक्त भूमि राज्य सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया था। जमीन अब राज्य सरकार के नाम से अंकित कर दी गई है। एसडीएम के आदेश से खलबली मची है। कालिका धाम कालोनीवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोगों ने अपनी पूंजी लगाकर पूर्व काशी नरेश से जमीन खरीदी थी। जमीन की कीमत 350 करोड़ से अधिक आंकी गई है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि जमीन अवैधानिक रूप से पूर्व काशी नरेश के नाम पर अंकित की गई थी। सुनवाई के बाद इसे राज्य सरकार के नाम से दर्ज करा दिया गया।