- स्कूलों में नामांकन कराकर छात्र दूसरे शहरों में करते हैं कोचिंग सिर्फ परीक्षा देने आते हैं स्कूल, अपडेट होता रहता है अटेंडेंस सीबीएसई ने स्कूलों को भेजी रिलीज, मानक की अनदेखी पर गिरेजी गाज
- स्कूलों में नामांकन कराकर छात्र दूसरे शहरों में करते हैं कोचिंग
- सिर्फ परीक्षा देने आते हैं स्कूल, अपडेट होता रहता है अटेंडेंस
- सीबीएसई ने स्कूलों को भेजी रिलीज, मानक की अनदेखी पर गिरेजी गाज
चंदौली। डमी छात्रों का नामांकन कराकर सिर्फ कागज पर चलने वाले विद्यालयों पर सीबीएसई सख्त हो गया है। सीबीएसई ने ऐसे 20 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। इसके अलावा ऐसे अन्य विद्यालयों पर भी गाज गिर सकती है। चंदौली के भी कई स्कूल सीबीएसई के रडार पर हैं।
सीबीएसई मान्यता देने के साथ ही स्कूलों के संचालन के लिए गाइडलाइन भी जारी करती है। बोर्ड की ओर से इसकी पड़ताल करने के लिए स्कूलों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान पाया गया कि कई स्कूल डमी विद्यार्थियों का नामांकन कर गाइडलाइन के विपरीत संचालित हो रहे हैं। बोर्ड ने ऐसे विद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी। वहीं तीन स्कूलों का ग्रेड कम कर दिया गया। सीबीएसई की नजर देश भर के स्कूलों पर है। चंदौली के भी कई स्कूलों पर नजर है। कई विद्यालय डमी विद्यार्थियों का नामांकन कर कागजों पर ही संचालित होते हैं। मसलन छात्र दाखिला तो करा लेते हैं, लेकिन स्कूल की बजाय पूरे साल कोचिंग में पढ़ाई करते हैं। उनका अटेंडेंस अपडेट होता रहता है। इससे स्कूल संचालकों को संसाधन भी उतने नहीं जुटाने पड़ते, जबकि फीस पूरी वसूलते हैं। ऐसे स्कूलों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। जेएस पब्लिक स्कूल के प्रबंधक रजनीश सिंह ने कहा कि बच्चों में ऐसा कल्चर डेवलप हो गया है कि स्कूलों में नामांकन कराने के बाद रेग्युलर स्कूलिंग को छोड़कर कोटा अथवा दूसरे शहरों में कोचिंग करने चले जाते हैं। ऐसे बच्चे सिर्फ परीक्षा देने जाते हैं। ऐसे बच्चे डमी कहे जाते हैं। ऐसे बच्चों को बढ़ावा देने वाले स्कूलों के खिलाफ सीबीएसई ने कड़ा एक्शन लिया है। सीबीएसई का यह कदम स्वागत योग्य है। सीबीएसई सचिव की ओर से सभी स्कूलों को रिलीज भेजी गई है।