चंदौली। विधानसभा प्रत्याशियों को 10 अप्रैल तक चुनाव खर्च का आखिरी ब्योरा देना होगा। प्रेक्षक उनसे पाई-पाई का हिसाब लेंगे। प्रत्याशियों को अधिकतम 40 लाख तक खर्च करने की अनुमति दी गई थी। इससे अधिक चुनाव खर्च करने वाले प्रत्याशियों पर कार्रवाई तय है। विधानसभा चुनाव में इस बार 43 प्रत्याशी मैदान में रहे।
विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो गई है। हालांकि चुनाव खर्च पर आयोग की नजर है। प्रत्याशियों ने निर्वाचन व्यय का ब्योरा अभी तक नहीं दिया है। व्यय प्रेक्षक 10 अप्रैल तक जिले में आएंगे। प्रत्याशियों को उनके समक्ष चुनाव में खर्च किए गए पाई-पाई का हिसाब प्रस्तुत करना होगा। आयोग के मानक के अनुरूप ही प्रत्याशियों को खर्च करने का आदेश दिया गया था। यदि इससे इतर चुनावी खर्च किया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय है।
प्रशासन ने तय की थी हर वस्तु की कीमत
विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाली प्रत्येक वस्तु की कीमत प्रशासन ने तय की थी। समोसा-चाय के लेकर फूल-माला, वाहन किराया व पंडाल तक का खर्च निर्धारित किया गया था। प्रत्याशियों ने जिन-जिन सामानों का इस्तेमाल किया होगा, उसकी कीमत इसके आधार पर निर्धारित की जाएगी। उनके चुनाव खर्च में इसे जोड़ा जाएगा।
प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय का हो चुका है परीक्षण
विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय का परीक्षण पहले किया गया था। इसमें कई प्रत्याशियों ने 20 लाख तो कई 10 लाख तक चुनावी खर्च के आंकड़े के करीब रहे। पूरे चुनाव में किए खर्च के पाई-पाई का हिसाब देना होगा। प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 40 लाख तक खर्च करने की इजाजत दी गई थी।
व्यय रजिस्टर में दर्ज है ब्योरा
मुख्य कोषाधिकारी पवन कुमार द्विवेदी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए व्यय का ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए 10 अप्रैल तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। निर्धारित अवधि तक उन्हें चुनावी खर्च का विवरण देना होगा। इसे व्यय प्रेक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।