वाराणसी। उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा से बसपा सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता और उसके गवाह के आत्मदाह के बाद अब पुलिस अफसर कार्रवार्द की जद में आने लगे हैं। मामले में वाराणसी के तत्कालीन एसपी सिटी और एडीसीपी काशी जोन रहे विकास चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर की गई है। वहीं वाराणसी के तत्कालीन एडीसीपी वरुणा जोन विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। विकास पर अतुल राय और उनके करीबियों के खिलाफ रेप पीड़िता और उसके गवाह द्वारा की गई शिकायतों की जांच की सही से मॉनिटरिंग न करने का आरोप है। वहीं विनय पर रेप पीड़िता और उसके गवाह के खिलाफ अतुल राय के भाई द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की विवेचना की मॉनिटरिंग सही से न करने का आरोप है। विकास चंद्र अभी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात हैं। जबकि विनय कुमार वाराणसी में ही एडीसीपी प्रोटोकॉल के पद पर हैं। प्रदेश सरकार के इस रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही कैंट व भेलूपुर सर्किल के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी और अन्य उच्चाधिकारी भी कार्रवाई के घेरे में आएंगे। रेप पीड़िता और उसके गवाह के आत्मदाह के बाद प्रदेश सरकार ने प्रकरण की जांच पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड डॉ. आरके विश्वकर्मा और एडीजी महिला सुरक्षा एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत को सौंपी थी। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने पहले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और अब दोनों पीपीएस अफसरों पर कार्रवाई की शुरूआत की है।
पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट गेट के बाहर किया था आत्मदाह
16 अगस्त को रेप पीड़िता और उसके गवाह दोस्त ने न्याय मिलने में देरी और अफसरों पर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। गंभीर हालात में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां एक के बाद एक दोनों ने दम तोड़ दिया। रेप पीड़िता के आरोप पर ही रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर भी जेल में बंद हैं। उन पर मामले को गलत तरीके से प्रचारित करने और अतुल राय का पक्ष लेने का आरोप लगा था।
एडिशनल एसपी विकास पर हैं यह आरोप
रेप पीड़िता के गवाह सत्यम प्रकाश राय ने 27 अगस्त 2020 को तत्कालीन एसएसपी वाराणसी से शिकायत की थी। आरोप था कि सांसद अतुल राय के करीबी शोभित सिंह और शुभम सिंह सब्बल उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। सत्यम प्रकाश के प्रार्थना पत्र पर 2 दिसंबर 2020 को लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इस प्रकरण की जांच तीन माह तक लंबित रहने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाना एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी के पर्यवेक्षण को लापरवाही का द्योतक माना गया है। रेप पीड़िता द्वारा तत्कालीन एसएसपी वाराणसी को 27 अगस्त 2020 को प्रार्थना पत्र दिया गया। आरोप था कि सांसद अतुल राय का करीबी सुधीर सिंह उसके चरित्र के संबंध में झूठी और भ्रामक बातें फैला रहा है। रेप पीड़िता के प्रार्थना पत्र पर 4 दिसंबर 2020 को लंका थाने में अतुल और सुधीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। प्रकरण में तीन माह तक जांच लंबित रहने और फिर केस दर्ज किए जाने पर एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी के पर्यवेक्षण को लापरवाही का द्योतक माना गया है। रेप पीड़िता ने 6 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित प्रार्थना पत्र भेजा। उसकी जांच एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी को दी गई जो पूरी नहीं हो सकी। रेप पीड़िता ने विभिन्न मीडिया हाउस को टैग कर ई-मेल किया था। उसकी जांच 19 जून 2021 को विकास चंद्र त्रिपाठी को सौंपी गई लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई। इन सबके अलावा अलग-अलग तिथियों में की गई जांच रिपोर्ट में विकास चंद्र त्रिपाठी द्वारा अंकित किए गए निष्कर्ष को उनकी उदासीनता और लापरवाही का परिचायक माना गया है।
एडिशनल एसपी विनय पर हैं यह आरोप
सांसद अतुल राय के भाई पवन सिंह के प्रार्थना पत्र पर अदालत के आदेश से कैंट थाने में रेप पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय के खिलाफ 24 नवंबर 2020 को मुकदमा दर्ज हुआ। इस प्रकरण में विवेचक द्वारा विवेचना लापरवाहपूर्ण तरीके से की गई। क्षेत्राधिकारी कार्यालय में अभियोग काफी देरी से प्रस्तुत की गई। इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि तत्कालीन एडीसीपी वरुणा जोन के पद पर रहते हुए विनय कुमार सिंह द्वारा विवेचना का समुचित पर्यवेक्षण नहीं किया। महिला अपराध जैसे गंभीर प्रकरण में एडिशनल एसपी विनय कुमार सिंह का यह कृत्य लापरवाही, उदासीनता और शिथिलता का परिचायक माना गया है।
कब और क्या हुआ
1 मई 2019 को बलिया जिले की मूल निवासी और वाराणसी के यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया।
22 जून 2019 को अतुल राय वाराणसी की अदालत में सरेंडर कर जेल गया। तब से अब तक वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में ही बंद है।
30 दिसंबर 2020 को गलत जांच करने के आरोपी तत्कालीन भेलूपुर क्षेत्राधिकारी अमरेश सिंह बघेल को प्रदेश सरकार ने निलंबित किया।
16 अगस्त 2021 को रेप पीड़िता और उसके गवाह ने फेसबुक लाइव कर नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद को आग लगाई।
16 अगस्त 2021 को वाराणसी के पूर्व एसएसपी और गाजियाबाद के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को डीजीपी ऑफिस से संबद्ध किया गया।
17 अगस्त 2021 को कैंट थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह और दरोगा गिरिजा शंकर यादव को निलंबित किया गया।
21 अगस्त 2021 को रेप पीड़िता के गवाह गाजीपुर के मूल निवासी और वाराणसी में रहने वाले सत्यम प्रकाश राय की नई दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हुई।
27 अगस्त 2021 को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को अतुल राय से मिलीभगत सहित अन्य आरोपों में लखनऊ से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।