
चंदौली। देखना यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के बीच भाजपा के स्थानीय नेता बाधा बनते हैं या सकलडीहा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपने काम को अंजाम तक पहुंचाते हैं। अब पूरा मामला भी जान लीजिए। भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू और उनके परिवार के लोगों ने चहनिया क्षेत्र के पपौरा गांव में सार्वजनिक तालाब की जमीन को पाटकर दो मंजिला मकान, ऑफिस आदि बना लिया है। शिकायत मिलने के बाद राजस्व टीम ने पैमाइश करवाई तो पुष्ट हुआ कि भवन का 80 फीसदी हिस्सा अवैध निर्माण की श्रेणी में आ रहा है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और सकलडीहा एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने बुधवार को टीम के साथ मौके का मुआयना किया और अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू कराने की बात कही।
गोपाल सिंह बबलू चहनिया ब्लाक से भाजपा के समर्थन से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। इनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और ये पूर्व में जेल भी जा चुके हैं। बावजूद भाजपा ने न सिर्फ इन्हें पार्टी में शामिल किया बल्कि जिला पंचायत के चुनाव में अपना अधिकृत प्रत्याशी भी घोषित किया। सकलडीहा एसडीएम को शिकायत मिली कि पपौरा गांव में इन्होंने और परिवार के लोगों ने तालाब की जमीन को पाटकर उसपर बहुमंजिला मकान बनवा लिया है। पपौरा स्थित तालाब भूमि आराजी नं 536 रकबा 0.202 हेक्टेयर जो कि सार्वजनिक तालाब के रूप में दर्ज है कि लगभग 8 लेखपालों की टीम द्वारा पैमाइश करवाई गई। एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा के अनुसार पैमाइश में यह पाया गया कि गोपाल सिंह (बबलू) और उनके परिवार द्वारा वृहद स्तर पर सार्वजनिक तालाब की भूमि पर दो मंजिला मकान, ऑफिस, मैदान इत्यादि बनाकर अवैध कब्जा कर लिया गया है, जो की पूरी तरह अवैधानिक और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का खुला उलंघन है। मकान का लगभग 80 फीसदी हिस्सा अवैध निर्माण की श्रेणी में प्रतीत हो रहा है। एसडीएम ने बताया कि नियमानुसार कार्रवाई करते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी सकलडीहा के न्यायालय में वाद योजित कर अवैध मकान के ध्वस्तीकरण और अवैध कब्जे को हटाए जाने संबंधी प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से प्रारंभ कर दी गई है। जल्द ही ध्वस्तीकरण और अवैध कब्जा हटाने संबंधी अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।