
चंदौली। सबसे बड़े बिजली संकट का सामना करने को तैयार रहिए। सोमवार को बिजली खून के आंसू रुला सकती है। दरअसल निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मी हड़ताल पर रहेंगे। पूर्वांचल सहित पूरे प्रदेश में कर्मचारी काम-काज ठप रखते हुए सरकार के फैसले का विरोध करेंगे। हालांकि इस जटिल समस्या के निपटने के लिए शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन के कमर कस ली है। तहसीलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। संबंधित एसडीएम को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि संविदाकर्मियों ने प्रशासन को मदद का भरोसा दिलाया है। लेकिन प्रशासनिक अमला किसी भी तरह के चूकके मूड में नहीं है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पालीटेक्निक और इंजीनियरिंग के छात्रों को मोर्चे पर लगाया जाएगा। विद्यालयों से ऐसे छात्रों की सूची मंगा ली गई है।
पैदा हो सकता है अभूतपूर्व बिजली संकट
बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने के फैसले के खिलाफ आंदोलनरत विद्युत कर्मचारियों ने पांच अक्तूबर को हड़ताल को ऐलान किया है। कोई भी कर्मचारी काम पर नहीं जाएगा। ऐसे में अभूतपूर्व बिजली संकट पैदा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन प्रशासन ने इस स्थिति के निपटने की पूरी तैयारी की है। पालीटेक्निक और इंजीनियरिंग छात्रों की मदद ली जाएगी। वहीं संविदाकर्मियों ने काम पर मुस्तैद रहने का भरोसा दिलाया है। अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि बिजलीकर्मियों की हड़ताल से लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसकी तैयारी कर ली गई है। छात्रों की सूची मंगा ली गई है। तहसीलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। तहसीलस्तरीय अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।