पंचांग के अनुसार आज यानि 28 सितंबर को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है और इसे अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु ने 14 लोकों की रक्षा करने के लिए 14 स्वरूप धारण किए थे। इसलिए इस दिन 14 गांठ वाला सूत्र हाथ में बांधने की परंपरा है। इससे जातक को 14 लोकों का सुख प्राप्त होता है। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।
अनंत चतुर्दशी 2023 शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी का दिन बेहद ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसी दिन गणेश विसर्जन भी होता है। इस साल अनंत चतुर्दशी के दिन बेहद ही शुभ संयोग बन रहे हैं और इन शुभ योगों में भगवान विष्णु का पूजन करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। अनंत चतुर्दशी का व्रत आज यानि गुरुवार के दिन रखा जा रहा है और हिंदू धर्म में यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। इसके अलावा पंचांग के अनुसार आज पूरे दिन वृद्धि योग और रवि योग भी रहेगा। वहीं दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा।
अनंत चतुर्दशी पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन श्रीहरि की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। अनंत चतुर्दशी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें और वह जल घर में छिड़क दें। फिर एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें चंदन का तिलक लगाएं।
इसके बाद फल, फूल, मिठाई अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। इस दिन भगवान विष्णु को 14 गांठों वाला सूत्र अर्पित किया जाता है जो कि सूती या रेशमी धागे से बना होता है। एक धागा 14 दिनों के लिए अपने हाथ में भी बांधा जाता है। 14 दिन इस धागे को खोलकर मंदिर में रख देना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और कथा व आरती पढ़ें।