रिपोर्टः खुशी सोनी
चंदौली। नियामताबाद ब्लाक के घुरो गांव में अर्धनिर्मित सामुदायिक भवन पिछले एक दशक से छत का इंतजार कर रहा है। वर्ष 2010 में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के तहत ग्राम सभा की जमीन आधा अधूरा तैयार भवन जिला पंचायत के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। हैरतअंगेज यह कि भवन को छत तक मयस्सर नहीं हुई और दरवाजा भी नहीं लगा लेकिन शिलापट्ट लगाकर इसका उद्घाटन कर दिया गया।
दरअसल घुरो गांव में सामुदायिक भवन का निर्माण इस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया कि इसमें गरीब वर्ग के लोग अपनी बेटियों की शादी और अन्य आयोजन करा सकेंगे। ग्रामीण काफी खुश थे। लेकिन उनकी खुशी को निराशा और आक्रोश में तब्दील हुए एक दशक बीत चुके हैं। भवन आधा अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया। सरकार को लाखों रुपये की चपत लगी और ग्रामीणों का उद्देश्य भी पूरा नहीं हुआ। ग्रामीणों के लाख जतन के बावजूद अभी तक भवन पर छत नहीं पड़ सकी है। जबकि तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य का शिलापट्ट लगाकर इसका उद्घाटन कर दिया गया।
गांव के महेंद्र नाथ तिवारी, कृष्णा पंडित, ओंकार नाथ तिवारी, पंकज मिश्रा, प्रदीप नाथ आदि का आरोप है कि सामुदायिक भवन निर्माण में जलिा पंचायत द्वारा बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। भवन को एक अदद छत तक मयस्सर नहीं हो सकी है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।