लखनऊ। मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह और वाराणसी से हिस्ट्रीशीटर नितेश सिंह बबलू की हत्या का मुख्य आरोपित एक लाख का इनामी बदमाश गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया सोमवार को तड़के तीन बजे लखनऊ में विभूतिखंड पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस अजीत सिंह की हत्या में इस्तेमाल असलहे को बरामद करने के लिए गिरधारी को नई दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिमांड पर लाई थी। विभूति खंड के खरगापुर इलाके की तरफ ले जा रही थी। खरगापुर रेलवे क्रॉसिंग के पास पुलिस टीम गाड़ी से उतर ही रही थी कि गिरधारी ने सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी की नाक पर अपने सिर से जोरदार टक्कर मारी जिससे एसआई अख्तर जमीन पर गिर गए और गिरधारी उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा। जवाबी फायरिंग में सहारा अस्पताल के पास उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई।
6 जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड में अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इसमें मुख्य शूटर गिरधारी ही था। उसके साथ पांच अन्य शूटर थे। 11 जनवरी को गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हुई थी। हत्या के अन्य राज पता करने के लिए पुलिस ने उसे 13 फरवरी की सुबह 11 बजे रिमांड पर लिया था। उसकी रिमांड 16 फरवरी की सुबह खत्म हो रही थी।
बनारस के नीतीश सिंह बबलू हत्याकांड में इनामी था गिरधारी
चोलापुर थाने के लखनपुर निवासी गिरधारी 2001 से ही जरायम की दुनिया में सक्रिय था। गिरधारी का आतंक वाराणसी के साथ मऊ, आजमगढ़, जौनपुर और मुंबई तक था। उसपर हत्या, लूट, रंगदारी आदि आपराधिक मामलों से जुड़े 23 मुकदमे दर्ज थे। शूटर गिरधारी से वाराणसी पुलिस ने भी रविवार को विभूतिखंड कोतवाली में पूछताछ की थी। अजीत की हत्या से पहले वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था। 30 सितंबर 2019 को शिवपुर स्थित सदर तहसील परिसर में बबलू की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से ही गिरधारी फरार चल रहा था। उस पर तब एक लाख रुपये इनाम भी घोषित हुआ था। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पुलिस पर भी गोली चलाई। सहारा अस्पताल के पास उसने भागने का प्रयास किया जिसमें मारा गया। इस हत्याकांड में शूटर रविदेव, मुस्तफा, अंकुर, राजेश तोमर और मददगार विपुल अभी फरार चल रहे हैं। गिरधारी पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए झाड़ियों की तरफ भागा। इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस बल मंगाया गया और गिरधारी की घेराबंदी की गई। पुलिस ने झाड़ियों में छिपे गिरधारी को सरेंडर करने को कहा तो जवाब में गिरधारी ने गोलियां चला दी। जवाबी कार्रवाई में चलाई गई गोली गिरधारी को लग गई, जिससे वो चिल्लाता हुआ मौके पर गिर गया। पुलिस टीम उसके करीब गई तो उसकी सांसें चल रही थी. पुलिस टीम घायल गिरधारी को लोहिया अस्पताल ले गई जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।