मिर्जापुर। देहात कोतवाली क्षेत्र के भरुहना गांव निवासी पुनवासी को यह भी पता नहीं कि वह कैसे पाकिस्तान पहुंच गया। 11 साल तक पाकिस्तान की जेल में यातना सहने के बाद केंद्र सरकार की पहल पर आजाद हुआ पुनवासी फिलहाल नवंबर माह से अमृतसर के हेल्थ केयर सेंटर में है। लालगंज की बहुती गांव निवासी किरन शनिवार को पुलिस और पति के साथ भाई पुनवासी को लेने अमृतसर पहुंच गई।
11 साल बाद अमृतसर में अपने सामने भाई पुनवासी को देखकर बहन किरन की आंखे छलक पड़ी। वह काफी देर अपने भाई को निहारती रही, इसके बाद उसका हालचाल पूछा। भाई की हालत देखकर वह बिलख-बिलख कर रोने लगी। भाई बहन ने एक दूसरे से बिछड़ने का दर्द बयां किया। इसके बाद काफी देर तक एक साथ बैठे रहे। पुनवासी ने बहनोई और बहन से करीब दो घंटे तक बात की। पुनवासी की बहन और मिर्जापुर पुलिस अमृतसर के क्षैराता थाने पहुंचकर पुलिस को अपने बारे में बताया। जानकारी होने पर पुलिस ने सभी को पुनवासी के पास मिलने के लिए भेज दिया। 11 साल बाद अपने भाई को सामने देखकर बहन की आंख भर आई। वह पुनवासी को काफी देर तक निहारती रही। यह पूछने का प्रयास किया कि वह कैसे पाकिस्तान पहुंच गया, लेकिन पुनवासी कुछ नहीं बता पाया। कहा कि वह कैसे वहां पहुंचा उसे भी याद नहीं है। पुनवासी को सौंपने की कार्रवाई शुरू हो गई है। रविवार होने के कारण एक दिन टीम वहां रूकने के बाद सोमवार को मीरजापुर के लिए रवाना हो जाएगी। पुनवासी वर्ष 2009 से बिना वीजा के दूसरे देश में प्रवेश करने के आरोप में पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद चल रहा था।