चंदौली। हद हो गई। कोरोना का खतरा पूरी तरह से टला नहीं। तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर खासा गंभीर है। लेकिन जिले के कुछ स्कूल कोविड गाइड लाइन के इतर अभिभावकों पर बच्चों को जबरन स्कूल भेजने का दबाव बना रहे हैं। नोटिस के जरिए चेतावनी दी जा रही है कि यदि बच्चा स्कूल नहीं आता है तो उसे अर्ध वार्षिक परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि स्कूल संचालक बच्चों पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे। अभिभावक स्वेच्छा से बच्चे को भेज सकते हैं। यही नहीं यदि अभिभावक चाहे तो उसके बच्चे के लिए आनलाइन कक्षाएं संचालित कराई जाएं। लेकिन मुगलसराय क्षेत्र के एक नामी स्कूल सहित कई निजी विद्यालयों का तुगलकी फरमान अभिभावकों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ हैै। हालांकि जिला विद्यालय निरीक्षक का कहना है कि कोई भी स्कूल बच्चे को नियमित आने के लिए अभिभावक पर दबाव नहीं बना सकता है। मामले की जांच कराई जाएगी।
कोविड के खतरे को देखते हुए सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। स्कूल खोलने के आदेश तो दे दिए गए हैं। लेकिन यह भी निर्देश है कि बच्चे को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों पर दबाव न डाला जाए। लेकिन मुगलसराय क्षेत्र का एक निजी स्कूल शासन के निर्देशों के ठीक उलट अभिभावकों पर दबाव बना रहा है। कक्षा एक के पांचवीं तक के बच्चों को जबर्दस्ती स्कूल भेजने को कहा जा रहा है। इससे अभिभावकों में काफी रोष है। स्कूल की ओर से नोटिस जारी की गई है कि परीक्षा में बैठने के लिए बच्चे का नियमित स्कूल आना अनिवार्य है।
कोई विद्यालय बच्चे को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं बना सकता। यदि कोई भी विद्यालय ऐसा कर रहा है कि पूरी तरह से गलत है। इसकी जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विजय प्रकाश सिंह