
चंदौली। कोरोना के चलते स्थगित समाधान दिवस जनहित में दोबारा शुरू तो कर दिया गया लेकिन सरकारी मुलाजिम अभी नींद से जाग नहीं पा रहे। शनिवार को कुछ ऐसा ही नजरा सकलडीहा तहसील सभागार में देखने को मिला। लोग अपनी फरियाद के साथ आयोजन में पहुंचे लेकिन अधिकांश कर्मचारी गायब रहे। जो आए थे वे भी खर्राटे लेते और मोबाइल में व्यस्त नजर आए। सवाल यह कि अब अकेले डीएम साहब कितने फरियादियों को न्याय दिलाएंगे। कुल मिलाकर अरसे बाद शुरू हुआ समाधान दिवस अलसाए अफसरों की सुस्ती की भेट चढ़ गया।
सरकार ने लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए आंशिक बदलाव के साथ समाधान दिवस को चालू करने का निर्देश दिया है। अब माह के पहले और तीसरे मंगलवार की बजाय माह के पहले और तीसरे शनिवार को तहसीलों में समाधान दिवस का आयोजन किया जाएगा। कोरोना के चलते इस योजना को बंद कर दिया गया था। हालात सामान्य हुए तो इसे पुनः शुरू करा दिया गया। लोगों की तकलीफ को लेकर सरकार भले की फिक्रमंद हो लेकिन सरकारी कर्मचारियों की नींद अभी नहीं खुल रही। आधे अधूरे अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ चंदाौली में समाधान दिवस शुरू तो हुए लेकिन परवान नहीं चढ़ सका। सकलडीहा तहसील में कुर्सी पर बैठते ही कर्मचारियों को नींद आने लगी। कुछ खर्राटे लेते लगे जबकि कुछ समय पास करने के लिए मोबाइल में खो गए। अब ऐसे में सरकार की मंशा कितनी फलीभूत होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।