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जानिए कैसा रहा काशी में पीएम मोदी का पूरा दिन, क्या किया, क्या कहा

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में थे। वायु सेना के विशेष विमान से पहुंचे पीएम ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उदघाटन करने के पश्चात लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय बाद आपके बीच आने का मौका मिला है। बनारस का मिजाज ऐसा है कि अरसा भले लंबा हो जाए लेकिन शहर मौका मिलने पर एक साथ रस भरकर दे देता है। काशी ने बुलाया तो एक साथ विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। महादेव के आशीर्वाद से काशीवासियों ने विकास की गंगा बहा दी है। सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी का वैभव आधुनिक स्‍वरूप के अस्तित्‍व में आ रहा है। बाबा की नगरी थमती और रुकती नही है। स्‍वभाव को सिद्ध किया है। कोरोना में दुनिया ठहर गई तो काशी संयमित हुई अनुशासित हुई लेकिन स्रजन और विकास की धारा बहती रही। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी रचनात्‍मकता और गतिशीलता का परिणाम है। इसके लिए उन्होंने काशी के हर जन को बधाई दी। भारत के परम मित्र जापान और पीएम के साथ जापान के राजदूत को भी धन्‍यवाद दिया व जापान के पीएम का संदेश देखा और कहा कि उनकी वजह से काशीवासियों को यह उपहार मिला है। उन्होंने कहा कि तक जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे जी, जब वह पीएम के तौर पर काशी आए थे तो रुद्राक्ष के आइडिया पर लंबी चर्चा की। उन्‍होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया और जापान के कल्‍चर पर परफेक्‍शन और प्‍लानिंग के साथ काम किया और आज भव्‍य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही है। भविष्‍य की संभावनाओं का स्रोत है। अपने पन पर जापान से ऐसे ही सांस्‍कृतिक संबंध की रूपरेखा खींची थी। विकास के साथ दोनों देशों के रिश्‍तों में मिठास का अध्‍याय लिखा जा रहा है। रुद्राक्ष के साथ ही गुजरात में भी जापान में जापानी गार्डन और एकाडमी का लोकार्पण हुआ था। वैसे ही जैन गार्डन भी दोनों देशों के बीच सुगंध फैला रहा है। जापान भारत के सबसे विश्‍वसनीय दोस्‍तों में एक है। पूरे क्षेत्र में नैचुरल पार्टनर में एक हैं। विकास और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में जापान हमारा साझेदार है। हाईस्‍पीड रेल, कारीडोर जापान के सहयोग से न्‍यू इंडिया की ताकत बन रहे हैं। हमारा विकास हमारे उल्‍लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। विकास सर्वमुखी सबके लिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए। रुद्राक्ष भी दुनिया को आपसी प्रेम कला संस्‍कृति से जोड़ने का काम करेगा। काशी सबसे पुराना शहर है। सीर से सारनाथ ने सबकुछ संजोकर रखा है। ठुमरी दादरा ख्‍याल कजरी चैती जैसी बनारस की चर्चित विख्‍यात गायन शैलियां सारंगी पखावज शहनाई हो बनारस के रोम रोम से गीत संगीत कला झरती है। घाटों पर कलाएं विकसित हुईं। बनारस गीत संगीत और धर्म आध्‍यात्म विज्ञान का केंद्र है। कल्‍चरल इवेंट के लिए बनारस आइडियल लोकेशन है। लोग देश विदेश से आना चाहते हैं। सुविधा मिले तो कला जगत के लोग बनारस को प्राथमिकता देंगे। रुद्राक्ष इन्‍हीें को साकार करेगा और केंद्र बनेगा। बनारस में कवि सम्‍मेलन के फैन दुनिया में हैं। इस सेंटर में 1200 लोगों के बैठने की सुविधा है, पार्किंग और दिव्‍यांगों के लिए सुविधा है। हैंडीक्राफ्ट और शिल्‍प को पहचान मिल रही है। कारोबारी गतिविधि भी बढ़ रही है। इसका उपयोग बिजनेस में किया जा सकता है। काशी का पूरा क्षेत्र साक्षात शिव हैं। सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है तो बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था। अब रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है तो शोभा बढ़ेगी। इसका पूरा उपयोग करना है। सांस्‍कृतिक सौंदर्य प्रतिभा को इससे जोड़ना है। भारत जापान को भी इससे मजबूती मिलेगी। महादेव के आशीर्वाद से काशी की पहचान बनेगा यह केंद्र।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापान के राजदूत सुजुकी सतोशी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेशवासियों व विशेष कर वाराणसी के लोगों के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। 14 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमि पूजन कर जापान के सहयोग से इस अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष की आधारशिला रखी गयी थी। काशी धर्म, आध्यात्म, साहित्य, कला और संगीत की पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ा देश का बहुत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र रहा है। पर विद्वानों, कलाकारों, साहित्यकारों के लिए एक ऐसा मंच जहां से एक साथ इतने बड़े पैमाने पर अपनी कलाओं को एक साथ देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकेंगे। दशकों से इसकी मांग थी। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इस कन्वेंशन सेंटर का आज प्रधानमंत्री के द्वारा उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया गया। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया। 1200 क्षमता का यह अंतरराष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर तीन वर्ष में बनकर तैयार हुआ। अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए यह जाना जायेगा, एक अद्भुत केंद्र है। अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का साक्षी बनने का अवसर काशीवासियों को प्राप्त होगा। जापान सरकार के द्वारा भारत और जापान के मैत्री के इस नये युग को तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ प्रधानमंत्री ने प्रारम्भ किया था। यह हमें उस प्राचीन परम्परा की याद दिलाता है जब बौद्ध धर्म का पहला कदम जापान की धरती पर पड़ा था।


इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंगवस्त्रम भेट कर उनका स्वागत किया एवं रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का प्रतीक स्मृति चिन्ह स्वरूप भेट किया।
गौरतलब हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जापान और भारत की दोस्ती के प्रतीक 186 करोड़ की लागत से तैयार सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर यह एक अद्वितीय कन्वेंशन सेंटर है जिसमें जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम दिखता है। सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। हॉल को लोगों की संख्या के अनुरूप 2 हिस्सों में विभाजित करने की व्यवस्था की गई है। कन्वेंशन सेंटर पूर्णतरू वातुनुकुलित है। बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल है। इसके अतिरिक्त यहां एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम का निर्माण कराया गया है। दिव्यांग जनों की सुविधा की दृष्टि से पूरे परिसर को सुविधाजनक बनाया गया है।


भारत-जापान की वर्षों से चली आ रही मैत्री के प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने वाराणसी दौरे के दौरान रखी थी। सेंटर को सांस्कृतिक व आधुनिक समागम के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। 186 करोड़ की लागत से तैयार सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित है। ख् इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री अनिल राजभर, मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह, सुनील ओझा, क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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