चंदौली। खबर बेशक एक दिन बासी है लेकिन इसकी तासीर अभी भी गर्म है। दरअसल सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह और बोर्ड की पहली बैठक में धनबली सिंह को मंच पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष के साथ बैठे देख कुछ सदस्यों के सीने पर सांप रेंगने लगा। मिनी सदन में इसका विरोध भी हुआ। लेकिन धनबली ने यह कहकर सबको चुप करा दिया कि वे केंद्रीय मंत्री और चंदौली सांसद डा. महेंद्र नाथ पांडेय के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद हैं। बाद में सांसद जी का पत्र भी सामने आया जिसमें उन्होंने छत्रबली सिंह और जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह को अपने स्थान पर बैठक में शामिल होने की अनुमति दी थी। यह बात और है कि अभी तक सांसद प्रतिनिधि के तौर पर एक ही व्यक्ति किसी बैठक में जाता रहा है लेकिन धनबली सिंह के मामले में ऐसा होना कोई नई बात भी नहीं है।
धनबली पहले ही चंदौली बीजेपी को घुटनों के बल ला चुके हैं। सांसद जी ने उन्हें प्रतिनिधि बना दिया तो क्या नया हो गया। पंचायत चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारना फिर उन्हें जीत दिलाना और वापस अपने चहेते को भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का टिकट दिलाकर भाजपा में मौजूद अपने विरोधियों के सीने पर पैर रखकर उम्मीदवार को जीत दिलाने वाले धनबली के लिए बैठक में उपस्थित होना कौन सी नई बात है। वैसे भी विरोधी यह बात जितनी जल्दी स्वीकर कर लेंगे उतना ही अच्छा होगा कि अगले पांच साल जिला पंचायत में वही होगा जो धनबली चाहेंगे। नियम वो जो धनबली बनाएंगे। नए अध्यक्ष भले ही धनबली के वाहन की स्टीयरिंग संभालते आए हों लेकिन जिला पंचायत की स्टीयरिंग तो धनबली के हाथ में ही रहने वाली है।