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चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

चंदौलीः सपाइयों पर सितम, भाजपाइयों पर रहम, प्रशासन का दोहरा चरित्र

चंदौली। ब्लाक प्रमुख के चुनाव में जिला मुख्यालय पर लोकतंत्र की धज्जियां उड़ीं। ब्लाक परिसर और उसके आस-पास का क्षेत्र युद्ध का मैदान बना रहा। कहने को तो पूरा परिसर पुलिस छावनी बना हुआ था लेकिन पुलिस और पीएसी के जवान न तो पत्थरबाजी रोक सके ना ही मारपीट। इस बवाल में घायल होने वालों में अधिकांश सपा कार्यकर्ता थे, जो दौड़ा-दौड़ाकर पीटे गए। घंटों गोरिल्ला युद्ध चला। पुलिस पीटने वालों पर सख्ती करने की बजाय बचाव के मुद्रा में नजर आई। इस घटना से किरकिरी निश्चित तौर पर योगी सरकार की हुई है। बहरहाल घटना के विरोध में सपाई धरने पर बैठे तो सदर कोतवाली ने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

योगी सरकार का कार्यकाल तकरीबन समाप्ति की ओर से है। लेकिन सदर ब्लाक प्रमुख चुनाव मतदान के दौरान जो हुआ वैसी अराजकता इसके पहले जिले में देखने और सुनने को नहीं मिली थी। सपाइयों और भाजपाइयों के बीच मारपीट इसकी एक वजह थी लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया इसके लिए कम दोषी नहीं कहा जाएगा। कुछ मनबढ़ युवकों ने अनुशासित मानी जाने वाली बीजेपी को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कानून व्यवस्था को पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया था और जिसके पास कानून व्यवस्था के अनुपालन की जिम्मेदारी थी वे असहाय नजर आ रहे थे। कुल मिलाकर मुख्यालय पर जो हुआ वह बेहद ही शर्मनाक था।

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