संवाददाताः मुरली श्याम
चंदौली। ब्लाक प्रमुख चुनाव का बिगुल बज चुका है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा ब्लाकों में भी सरकार बनाने की तरफ देख रही है। सत्ता पक्ष का यह सपना काफी हद तक पूरा होता नजर आ रहा है। कई ब्लाकों में सपा को प्रमुख पद के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे। चकिया, शहाबगंज, नौगढ़, बरहनी, धानापुर विकास खंडों में भाजपा उम्मीदवारों के निर्विरोध चुनाव की संभावनाएं जोर पकड़ने लगी हैं। जबकि चहनियां ब्लाक में भी भाजपा काफी मजबूत नजर आ रही है।
समाजवादी पार्टी को चकिया विधानसभा के चकिया, शहाबगंज, नौगढ ब्लाकों में प्रत्याशी नहीं मिल रहे। जबकि एक दौर वह भी था जब इन ब्लाकों में सपा की तूती बोलती थी। आज आलम यह है कि तीनों ब्लाकों में भारतीय जनता पार्टी के संभावित उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित होने का दावा कर रहे हैं।
चकिया पिछड़ी सीट पर 88 बीडीसी चुनेंगे प्रतिनिधि
चकिया विकासखंड में कभी समाजवादी पार्टी का दबदबा रहता था। आज हालात ठीक उलट हैं। समाजवादी पार्टी को भाजपा से लोहा लेने वाला कोई मजबूत प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा है। एक तरह से माना जाए तो यहां भी निर्विरोध निर्वाचन तकरीबन तय है। भारतीय जनता पार्टी के संभावित उम्मीदवार शंभू नाथ यादव निर्विरोध निर्वाचित होने का दावा कर रहे हैं
शहाबगंज अनुसूचित सीट 75 बीडीसी
इस विकासखंड की बात करें तो जिसकी लाठी उसकी भैंस के तौर पर यहां पर प्रमुखी का चुनाव होता आया है। इस ब्लाक में प्रमुख को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ता है। इस सीट पर अभी तक धनबल और बाहुबल हावी रहा है। लेकिन इस बार नजारा थोड़ा अलग ही रहने वाला है। यहां निर्विरोध निर्वाचन की सुगबुहागट तेज हो गई है। सेक्टर नंबर एक से जिला पंचायत सदस्य आजाद राम की पत्नी गीता देवी जो ग्राम सभा बेन तियरी से क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई है ब्लाक प्रमुख पद की तगड़ी दावेदार हैं। आजाद राम को छत्रबली सिंह का खास माना जाता है। आगे आ आंकलन आप खुद कर सकते हैं।
नौगढ अनुसूचित सीट 40 बीडीसी
इस ब्लॉक में भी लंबे समय से समाजवादी पार्टी का वर्चस्व रहा है। कभी इस ब्लॉक को शिवपाल यादव ने गोद भी लिया था। नौगढ़ की सरजमीं पर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह भी उतर चुके हैं। तब पूर्व ब्लाक प्रमुख बासमती कोल ने उनका स्वागत किया था। तत्कालीन अखिलेश सरकार ने नौगढ को तहसील का दर्जा दिया था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां सत्ता पक्ष हावी रहा है। सुड्डू सिंह यहां के प्रमुख रहे लेकिन इस बार नजारा कुछ अलग ही रहेगा। यहां भी अनुसूचित सीट होने के चलते सुड्डू सिंह ने प्रेमा देवी पत्नी मार्कंडेय कोल को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है, जो क्षेत्र पंचायत बोझ से निर्वाचित हंै। इनका भी दावा है अब तक किसी भी पार्टी द्वारा हमारे सामने प्रत्याशी नहीं उतारा गया है। ऐसे में निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता अब साफ है।