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आजमगढ़ के दीनानाथ आज चंदौली के जिला पंचायत अध्यक्ष, छत्रबली से मुलाकात के बाद बदल गई किस्मत

चंदौली। कहावत है कि पारस यदि पत्थर को छू ले तो उसे भी सोना बना देता है। पूर्व अध्यक्ष छत्रबली सिंह के संपर्क में आने के बाद चंदौली के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष दीनानाथ शर्मा की किस्मत भी कुछ ऐसे ही बदलती चली गई। नौकरी की तलाश में घर से भागे दीनानाथ शर्मा आज चंदौली के प्रथम व्यक्ति बन गए हैं।  आज भले ही शहाबगंज ब्लाक के तियरी गांव के नागरिक हों लेकिन वह मूलतः आजमगढ़ जनपद के रहने वाले हैं। वर्ष 2004 में बलिया में शादी समारोह में छत्रबली सिंह से मुलाकात के बाद उनकी किस्मत बदलती चली गई।

ऐसे तय किया ब्लाक प्रमुख से अध्यक्ष तक का सफर
जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद दीनानाथ शर्मा के बारे में हर कोई जानना चाहता है। आप की जिज्ञासा का समाधान करते हुए बता दें कि आजमगढ़ निवासी रामलाल शर्मा के पुत्र दीनानाथ शर्मा मात्र पांचवीं पास हैं। इनकी पत्नी का नाम प्रिया है और दो पुत्र अमन और रविकांत हैं। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले दीनानाथ नौकरी के लिए पैसा नहीं मिलने पर नाराज होकर घर से निकल गए। 2004 में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह के संपर्क में आए और उनका वाहन चलाने लगे। वर्षों तक सारथी बने रहने के बाद वर्ष 2011 में वह मौका आया जब छत्रबली सिंह ने इन्हें शहाबगंज ब्लाक का निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बनवा दिया। इसके पहले ग्राम सभा बरियारपुर से निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुने गए। 2016 तक ब्लाक प्रमुख रहने के बाद कुछ वर्षों तक गुमनाम रहे। इनकी किस्मत ने एक बार फिर तब पलटी खाई जब चंदौली जिला पंचायत अध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया। छत्रबली सिंह ने शहाबगंज सेक्टर दो से इन्हें भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में उतारा और भारी मतों से जीत दर्ज करवाई। इसके बाद ऐसा समीकरण बैठाया कि भाजपा ने दीनानाथ को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना दिया। आज नतीजा सबसे सामने है। सपा प्रत्याशी तेजनारायण सिंह को करारी शिकस्त देकर दीनानाथ चंदौली के जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए हैं।

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