चंदौली। स्थानीय शाह कुटी श्रीकाली मंदिर स्थित अन्नपूर्णा वाटिका प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस व्यास पीठ से श्रीमद् भागवत व श्रीमानस मर्मज्ञ अखिलानन्द जी महाराज ने भगवान के सुंदर चरित्र का मार्मिक ढंग से वर्णन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
महाराज ने कहा कि पुष्टि पुरुषोत्तम के प्राकट्य से पहले तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन चरित्रों का श्रवण करना पड़ता है। क्योंकि श्रीमद् भागवत महापुराण में भगवान श्री कृष्ण पूर्ण ब्रहम है। पूर्ण ब्रहम की प्राप्ति बिना राम चरित मानस के नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में तीन ग्रंथों का विशेष महत्व है। पहला रामायण, दूसरा श्रीमदभगवत गीता और तीसरा श्रीमद् भागवत महापुराण। देखा जाए तो सभी वियोग के द्वारा ही ईश्वर को प्राप्त किए हैं।
इस अवसर पर उपेन्द्र सिंह, बृजेश सिंह, संतोष शर्मा, यज्ञनारायण सिंह, कन्हैयालाल जायसवाल, छाया पाण्डेय, रेखा अग्रवाल, विकास चौबे, आलोक पांडेय, वैभव तिवारी आदि मौजूद रहे।