चंदौली। सैयदराजा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के उपचुनाव में बीजेपी ने अपने दमदार प्रदर्शन से बाजी मार ली। विपक्षी दलों के बिखराव और कमजोर रणनीति ने भाजपा के लिए जीत का रास्ता आसान कर दिया। सैयदराजा विधायक सुशील सिंह की मजबूत रणनीतिक पकड़ और किलेबंदी के सामने विपक्ष के सारे दांव नाकाम साबित हुए। पिछले चुनाव में सपा का नगर पंचायत चंदौली वाला फार्मूला इस बार काम नहीं आया। कड़े मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। इससे सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह है। इस जीत ने विपक्षी दलों को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने को मजबूर कर दिया है।
पिछले निकाय चुनाव में भी सैयदराजा नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी जीती थी। नगर पंचायत अध्यक्ष के असामयिक निधन के बाद उपचुनाव कराए गए हैं। इसको लेकर बीजेपी ने कारगर रणनीति बनाई। प्रत्याशी की घोषणा से लेकर चुनाव प्रचार अभियान में पार्टी पूरे जी-जान से जुटी रही। वहीं विपक्षी दलों में एकजुटता नहीं दिखी। कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा। वहीं सपा ने पिछले चुनाव में नगर पंचायत चंदौली वाला फार्मूला अपनाते हुए प्रत्याशी की घोषणा करने की बजाय निर्दलीय उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया। हालांकि, उपचुनाव में सपा का पुराना फार्मूला नाकाम साबित हुआ। मतदाताओं ने विपक्षी दलों की बजाय एक बार फिर सत्तारूण दल के प्रत्याशी पर भरोसा जताया।
बीजेपी की जीत के पीछे सैयदराजा विधायक की रणनीति का भी अहम रोल है। विधायक ने चुनाव प्रचार की कमान संभालते हुए अधिक से अधिक समय मतदाताओं के बीच बिताया। घर-घर जनसंपर्क किया और मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश की। उनका यह प्रयास रंग लाया। सपा की पुरजोर कोशिश के बावजूद निर्दलीय उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी विधायक की रणनीति सफल रही। विधायक सुशील सिंह ने कहा कि यह सैयदराजा की जनता की जीत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास फार्मूले को वरीयता दी और मुझ पर जो विश्वास जताया उसके लिए उनका आभार।