- डा. अनिल कुमार को अगस्त 2023 में चंदौली एसपी के रूप में तैनाती दी गई
- तेज तर्रार अधिकारी की छवि बनी
- दूसरा पहलू यह कि जघन्य अपराध और महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में तकरीबन नाकाम ही साबित हुए
चंदौली। एसपी डा. अनिल कुमार का तबादला हो गया है। चंदौली में इनका कार्यकाल मिलाजुला रहा। तेज तर्रार अधिकारी की छवि बनी। पशु तस्करों पर नकेल कसने की भरसक कोशिश की। जनता दरबार के जरिए लोगों की समस्याओं को भी सुनते थे। नेताओं की पैरवी नहीं सुनते थे इसलिए खादीधारी इनसे खुश नहीं रहे। हालांकि दूसरा पहलू यह कि जघन्य अपराध और महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में तकरीबन नाकाम ही साबित हुए।
डा. अनिल कुमार को अगस्त 2023 में चंदौली एसपी के रूप में तैनाती दी गई। जल्द ही इनकी छवि तेज तर्रार और गंभीर अधिकारी की बन गई। जिले में पशु तस्करी रोकने को कड़े कदम उठाए। गैंगेस्टर की कार्रवाई के जरिए अपराधियों पर नकेल कसने की कवायद भी की। गंभीर स्वभाव के चलते जनता और जनप्रतिनिधियों से उस तरह से घुलमिल नहीं पाए जैसी शासन की मंशा थी। हालांकि जनता दरबार के जरिए जनसमस्याओं को सुनने का भरसक प्रयास करते रहे। नेताओं की दाल इनके यहां कायदे से नहीं गली। हालांकि इनके कार्यकाल में जिले में जघन्य अपराधों में कमी नहीं आई। हत्या और दुष्कर्म की कई घटनाएं हुईं। कुछ मामलों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। ताराजीवनपुर में चाय विक्रेता की हत्या और नौगढ़ में किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या जैसी वारदातों में अभी भी पुलिस के हाथ खाली ही हैं। यही नहीं कुछ महत्वपूर्ण थानों पर उम्रदराज और सुस्त पुलिस अफसरों को तैनात किया, जो अपराध नियंत्रण में नाकाम रहे। यही नहीं महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी कायदे से अंकुश नहीं लगा सके। कुछ पुलिसकर्मियों की तस्करों और अवैध कारोबारियों से साठगांठ और सुविधा शुल्क लेने की शिकायतें भी बराबर आती रहीं।