चंदौली। मुगलसराय के भोगवारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गई। जिला अस्पताल का पैथोलाजी सेंटर कायदे से काम नही कर रहा है। लेकिन सत्ता पक्ष के विधायकों को जिले का नाम बदलने में ही विकास नजर आ रहा है। मुगलसराय के बीजेपी विधायक को विधान सभा में बोलने का मौका मिला तो जिले का नाम बदलने की हिमायत करते रहे। वहीं सकलडीहा के सपा विधायक प्रभुनारायण यादव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई प्रसूता की मौत और स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का मुद्दा उठाकर सत्ता पक्ष के विधायक को आईना दिखा दिया।
बताने की जरूरत नहीं कि जिले की सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं बेपटरी हैैं। कहीं चिकित्सकों की कमी तो कहीं दवाओं के अभाव की शिकायतें सामने आती रहती हैं। रही सही कसर कुछ चिकित्सकों की लापरवाही से पूरी हो जाती है। समस्याओं को दूर कराने की बजाय चंदौली में सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि नाम बदलने की राजनीति में लगे हुए हैं। बीजेपी के सैयदराजा विधायक जिले का नाम बाबा कीनाराम के नाम पर रखने की मांग कर रहे हैं तो मुगलसराय विधायक को लगता है कि वाराणसी गंगापार बेहतर नाम हो सकता है। विधायक ने विधान सभा में बोलते हुए जिले का नाम वाराणसी गंगापार करने की मांग की। जबकि पिछले दिनों ही उनके विधान सभा में स्थित सामुदायिक स्वाास्थ्य केंद्र भोगवारा में चिकित्सक की लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गई। जांच के नाम पर लीपापोती भी तय है। पीपी सेंटर के चिकित्सकों की लापरवाही के अनेकों किस्से हैं। लेकिन विधायक जी को इन समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। बहरहाल सपा विधायक ने जरूर इस मुद्दे को उठाकर सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों को आईना दिखाया है।