पूर्वांचल टाइम्स एक्सक्लूसिव
चंदौली। सदानीरा गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाने को किया जा रहा भागीरथ प्रयास सार्थक होता नजर आ रहा है। पीडीडीयू नगर क्षेत्र के रौना गांव में दो हेक्टेयर में बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन चिन्हांकन का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। 37 किसानों ने लिखित तौर पर अपनी स्वीकृति दे दी है। पांच किसान बचे हैं जिनसे विभागीय अधिकारी वार्ता कर रहे हैं। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों का दावा है कि एक माह के भीतर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जारगी। इसके बाद 276 करोड़ रुपये की लागत वाली एसटीपी परियोजना मूर्त रूप लेने की तरफ बढ़ जाएगी।
गंगा नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए पीडीडीयू नगर क्षेत्र के रौना गांव में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। अब तक जमीन की उपलब्धता सबसे बड़ी बाधा के रूप में सामने आ रही थी। शुरुआत में रेलवे ने भी इस परियोजना में रुचि दिखाई लेकिन बाद में अपने हाथ पीछे खींच लिए। बहरहाल गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई वाराणसी और जलनिगम मिलकर योजना को मूर्त रूप देने में जुट गए है। नगर पालिका परिषद दोनों विभागों का सहयोग कर रहा है।
प्रतिदिन शुद्ध होगा तीन करोड़ 70 लाख लीटर दूषित जल
रौना में बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 37 एमएलडी है। यानी प्रतिदिन तीन करोड़ 70 लाख लीटर दूषित जल को शुद्ध करेगा। नगर पालिका क्षेत्र सहित आस-पास के गांवों से निकलने वाला दूषित जल सीधे गंगा में नहीं गिरेगा। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना अभियंता मो. इमरान और सहायक परियोजना अभियंता योगेश त्रिपाठी ने बताया कि किसानों की स्वीकृति मिलते ही जिलाधिकारी को आगणन प्रस्तुत किया जाएगा। जिलास्तरीय टीम किसानों सेे वार्ता कर मुआवजा आदि की प्रक्रिया पूरी करेगी। डीएम के माध्यम से प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। प्लांट संचालित करने वाली कंपनी के साथ 15 वर्ष के लिए अनुबंध किया जाएगा। पूरी परियोजना 276 करोड़ रुपये की है।