वाराणसी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री और मॉडल आकांक्षा दुबे की कथित आत्महत्या की सीबीआई जांच की मांग करने वाली एक रिट याचिका के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। आकांशा दुबे की मां मधु दुबे द्वारा दायर याचिका में केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया गया है कि मामले में स्थानीय पुलिस का आचरण विश्वास को प्रेरित नहीं करता है। रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले को पांच सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
अपनी याचिका में मधु दुबे ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की जा रही जांच में कई अनियमितताएं हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस अपराधियों के साथ मिलकर काम कर रही है। याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश पुलिस की इस बात पर संदेह जताया कि उसकी बेटी की मौत आत्महत्या से हुई। उन्होंने आरोप पत्र में बलात्कार से संबंधित प्रासंगिक धाराओं को न जोड़े जाने पर प्रकाश डाला और कहा कि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में मृतक की योनि स्लाइड और योनि स्वैब स्टिक के साथ-साथ उसके अंडरगारमेंट्स में शुक्राणु की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
इसमें तर्क दिया गया कि यहां तक कि आरोपी या संदिग्ध व्यक्ति का डीएनए परीक्षण भी रिकॉर्ड पर उपलब्ध नहीं था और वीर्य या शुक्राणु के डीएनए परीक्षण परिणाम को संदिग्ध रक्त नमूने के साथ मिलाने के लिए कोई प्रभावी प्रयास नहीं किया जा रहा था। मामले के तथ्यों के अनुसार, आकांशा दुबे एक फिल्म की शूटिंग के लिए वाराणसी में थीं और शूटिंग खत्म होने के बाद, वह अपने होटल के कमरे में गईं, जहां 26 मार्च, 2023 को वह मृत पाई गईं।
इसके बाद, अप्रैल में, दो आरोपियों, एक गायक समर सिंह और समर सिंह के बिजनेस पार्टनर संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया। संजय सिंह को ट्रायल कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। समर सिंह की जमानत याचिका हाईकोर्ट में लंबित है।