वाराणसी : ज्ञानवापी सर्वे मामले पर आज बड़ी सुनवाई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस खुद ज्ञानवापी सर्वे मामले पर सुनवाई करेंगे। थोड़ी देर में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ज्ञानवापी सर्वे पर सुनवाई करेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा है। मुस्लिम पक्ष की मांग है कि वाराणसी जिला जज के आदेश पर रोक लगाई जाए, वहीं हिन्दू पक्ष की मांग है कि ज्ञानवापी के सर्वे से ही सच्चाई सामने आएगी। ऐसे में आज हाईकोर्ट जो भी फैसला देगा उससे ज्ञानवापी केस का भविष्य तय होगा।
दरअसल, कल मुस्लिम पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस ने मामले को आज सुनने का समय तय कर दिया था। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में कहा कि ज्ञानवापी परिसर में ASI खुदाई कर सकती है। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि अभी केस उस हालत में नहीं है कि उसका ASI सर्वे कराया जाए, इसलिए वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने हिन्दू पक्ष से पूछा कि क्या आपने कोर्ट को पूरा प्लान सबमिट किया था कि सर्वे कैसे किया जाएगा? इस पर हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कोर्ट को सर्वे के सभी बिन्दू बताए गए थे जिस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जिला कोर्ट के ऑर्डर में साफ़ तौर पर लिखा है कि ASI खुदाई कर सकती है। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि इससे पहले भी कभी इस तरह की खुदाई हुई है क्या? हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम मंदिर के संदर्भ में भी सर्वे का आदेश किया था। सर्वे तीन साल चला और कोई नुकसान नहीं हुआ।
गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में कुछ भी अलग नहीं कहा गया है। मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में वही कहा जो वो अभी तक कहता आया है। मुस्लिम पक्ष किसी भी हालत में ज्ञानवापी का सर्वे नहीं चाहता है, लेकिन हिन्दू पक्ष सर्वे से ही ज्ञानवापी का समाधान चाहता है।
ज्ञानवापी परिसर के जिस हिस्से को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है उसमें ज्ञानवापी मस्जिद, वजूखाना और श्रृंगार गौरी वाला इलाका शामिल हैं। वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का ऑर्डर बिल्कुल साफ है कि वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के हर हिस्से की वैज्ञानिक जांच होगी।