fbpx
चंदौलीशिक्षा

Chandauli News : एलबीएस डिग्री कालेज के संस्थापक की पुण्यतिथि मनी, वक्ता बोले, मानवतावादी थे पंडित पारसनाथ तिवारी

चंदौली। लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्थापक पंडित पारसनाथ तिवारी की ३०वीं पुण्यतिथि सोमवार को नए परिसर में मनाई गई। इस दौरान उन्हें भावभिनी श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की।

 

प्रो दीनबंधु तिवारी ने कहा कि पंडित पारसनाथ तिवारी जो संकल्प लेते थे, उसे पूरा करने का भरसक प्रयास करते थे। जिस समय उन्होंने इस महाविद्यालय की स्थापना की थी, उस समय साधन सुलभता नहीं थी। उनके जुझारू व्यक्तित्व के कारण पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर उनका आदर व सम्मान करते थे और नियमताबाद परिसर के संगोष्ठी कक्ष का उद्घाटन चंद्रशेखर जी ने ही किया था। राजनीति के क्षेत्र में भी उनका दख़ल था, वो निरंतर 19 वर्षों तक नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। डा विजयशंकर मिश्र ने कहा कि पं पारसनाथ तिवारी मानवतावादी थे, आज महाविद्यालय उनके सपनों को साकार कर रहा है, उनकी इच्छा थी कि महाविद्यालय में वाणिज्य और विज्ञान की पढ़ाई आरंभ हो, परंतु किन्हीं कारणों से पाठ्यक्रम आरम्भ नहीं हो सका था। इस वर्ष स्नातक स्तर पर विज्ञान की पढ़ाई आरंभ कराकर प्रबंधन ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। कहा कि उनके सिखाये हुए वचन आज भी मुझे याद हैं, मैं अपने आपको बहुत ही भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मुझे उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला। प्रो योगेन्द्र ने कहा कि पं पारसनाथ तिवारी ने हम सभी की जिंदगी को सही ढंग से जीने का तरीक़ा सिखाया था, जिसका अनुसरण आज भी हम सभी कर रहे हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन देते प्रबंधक राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि आधुनिक युग में भी बाबा के विचार प्रासंगिक है, उनके व्यक्तित्व व कृतित्व में ऐसा जादू था कि लोग उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते थे। उनके साथ रहने वाले लोग बताते थे कि बचपन से ही पंडित जी की सार्वजनिक कार्यों में विशेष रुचि थी, उन्होंने नगरपालिका इंटर कालेज व लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लाल बहादुर शास्त्री शिक्षण संस्था की स्थापना की। इस अवसर पर प्रो. मनोज,  डा. वंदना, प्रो. राजीव,  प्रो. अरुण,  प्रो. धनंजय,  डा. धन्नू प्रसाद,  डा. गुलजबी,  डा. भावना, डा. ब्रजेश,  प्रो. अजीत,  डा. कामेश,  डा. विवेक, डा. साधना, डा. मीना, डा. सारिका, डा. अमितेश,  डा. मनोज,  डा. सुनील,  डा. संजय,  डा. हर्ष,  राहुल,  रंजीत,  सुनील,  अतुल,  सुरेंद्र, चंद्रशेखर आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का आरंभ डा. जगदीश चन्द्र के पौराणिक मंगलाचरण से हुआ। संचालन प्रोफेसर इशरत जहां ने, स्वागत प्रो उदयन मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर अमित राय ने किया।

Back to top button