चंदौली। 102 और 108 नंबर पर फोन करने के तीन घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। ऐसे में नवजात की जान चली गई। मामला नौगढ़ सीएचसी से जुड़ा है। बच्चे की मौत से नाराज परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया। लापरवाही सामने आने के बाद जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे के निर्देश पर दो पायलट समेत चार एंबुलेंसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है।
27 जून को नौगढ़ सीएचसी पर क्षेत्र के बाघी गांव निवासी विजय केशरी की पत्नी रेशमा (24) को रात में प्रसव कराया गया था। प्रसव के कुछ देर बाद ही नवजात को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। ऐसे में चिकित्सक डा. चंद्रा ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाने के लिए जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया। ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए परिजनों ने 102 और 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई। परिजन तीन घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। समय से बेहतर इलाज न मिलने की वजह से नवजात ने दम तोड़ दिया। इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया। मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा तो उन्होंने एंबुलेंस संचालन कर रही केजीवी कंपनी के प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगाई। वहीं 108 और 102 एंबुलेंस सेवा में पायलट के पद पर रहे वरुण पांडेय, विनोद पाल, ईएमटी संदीप पाल और नीरज पांडेय को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने केजीवी कंपनी के कोआर्डिनेटर को चेतावनी भी जारी की। कंपनी के जिला प्रबंधक आशीष सिंह ने बताया कि लापरवाही में दो ईएमटी और एंबुलेंस के दोनों पायलट बर्खास्त कर दिए गए हैं।