
वाराणसी। शिक्षित मतदाताओं ने भाजपा उम्मीदवारों कोे नकार दिया। एमएलसी चुनाव में वाराणसी खंड से शिक्षक और स्नातक दोनों ही सीटों पर सपा प्रत्याशियों ने बाजी मार ली। यह जीत इस लिहाज से भी खास कही जाएगी क्योंकि भाजपाइयों ने वाराणसी खंड की दोनों सीटों को पीएम की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया था। एक दर्जन से अधिक विधायक, मंत्री और सांसदों की फौज भी भाजपा की जीत सुनिश्चित नहीं कर सकी। मंत्री हार पर मंथन की बात कह रहे हैं। मतदाताओं ने सपा को ही पहली पसंद के रूप में क्यों चुना। इसके मूल में जाएंगे तो पाएंगे कि विपक्ष में रहते हुए जूझने का जो माद्दा सपाइयों ने दिखाया है वह अन्य विपक्षी दलों में देखने को नहीं मिला है।

जीतने के बाद यह बोले स्नातक प्रत्याशी आशुतोष
जीत दर्ज करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए नवनिर्वाचित स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि वाराणसी खंड स्नातक क्षेत्र के मतदाताओं ने 2022 चुनाव की पहली इबारत लिख दी है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को टिकट देकर स्वयं यह चुनाव लड़ने का काम किया है। हमारे आठ जिले के पार्टी कार्यकर्ताओं की जी तोड़ मेहनत का परिणाम आप के सामने है। कहा कि यह चुनाव हमारे लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया था। पीएम नरेंद्र मोदी 30 नवंबर को वाराणसी में देव दीपावली के मौके पर मौजूद थे और एक दिसंबर को मतदान होना था। भाजपा प्रत्याशी केदार सिंह को लेकर कहा कि लगातार तीन बार स्नातक एमएलसी रहे केदार सिंह ने एक बार भी सदन में बेरोजगारों, शिक्षकों, स्नातकों और शिक्षामित्रों के पक्ष में या किसी मुद्दे पर सवाल नहीं किया। जबकि हमने लगातार सड़क पर संघर्ष करते हुए हम की आवाज उठाई है। कहा प्राथमिकता होगी कि वित्तविहीन स्नातक शिक्षकों को समान सेलरी के दायरे में लाएं। क्योंकि एक राज्य कर्मचारी जो काम करता है वहीं काम वो भी करते हैं। पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई भी सदन में लड़ी जाएगी।
