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chandauli news: बागियों ने बदल दिए चुनावी समीकरण, दिलचस्प हुआ नगर पंचायत चंदौली का चुनाव

चंदौली। निकाय चुनाव धीरे-धीरे मतदान की ओर बढ़ रहा है। शहरी राजनीति सरगर्मी से लबरेज हो चुकी है। जिले की चारों निकायों में चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। आज बात नगर पंचायत चंदौली की जहां अध्यक्ष पद पर सबसे अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में जोर आजमाइश कर रहे हैं। हालांकि मजबूती के साथ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के सामने उनके अपने ही चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं।

 

बागियों ने बदल दिए चुनावी समीकरण, दिलचस्प हुआ चुनाव
सबसे पहले नजर डालते हैं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर, जिसे निकाय चुनाव हमेशा ही पसंद आया है। नगर पंचायत चंदौली अध्यक्ष पद पर ओपी सिंह चुनाव मैदान में हैं। हालांकि पार्टी से टिकट पाने के लिए एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार लाइन में थे। ओम प्रकाश सिंह को टिकट मिलते ही कुछ बागी हो गए। रतना सिंह ने आम आदगी पार्टी का दामन थाम लिया और पार्टी ने भी मौके की नजाकत को देखते हुए इन्हें टिकट पकड़ा दिया। पूर्व चेयरमैन सुदर्शन सिंह भी टिकट नहीं मिलने पर निर्दल ही चुनावी मैदान में उतर गए हैं। प्रमुख विपक्षी दल सपा को नगर पंचायत चंदौली से योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिला। बसपा की बात करें तो पार्टी ने नामांकन से ठीक पहले अपना उम्मीदवार बदल दिया। विवेक अग्रहरी की जगह देवी शरण को प्रत्याशी बना दिया। लेकिन विवेक भी पीछे नहीं हटे और निर्दल प्रत्याशी के तौर पर ही चुनौवी मैदान में कूद पड़े। बसपा में अच्छी पैठ होने के कारण पार्टी उम्मीदवार के लिए ही चुनौती बन चुके हैं। जबकि निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े रहे पूर्व चेयरमैन पति सुनील यादव गुड्डू बदले सियासी समीकरण को अपने लिए काफी मुफीद मान रहे थे। लेकिन उनके बड़े भाई बृजेश यादव ने भी निर्दल प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर छोटे भाई की चुनौती बढ़ा दी हैै। दोनों भाई एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। पारिवारिक विवाद की आंच हार-जीत के नतीजों पर असर डाल सकती है।

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